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बिजली कर्मियों ने किया यज्ञ


अमर जीत सिंह 
अयोध्या। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों के भविष्य निधि घोटाले को लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का दो दिवसीय कार्य बहिष्कार मंगलवार की शाम समाप्त हो गया। सरकार को सद्बुद्धि लाने और मांग पूरी कराने के लिए बिजली कर्मियों ने मुख्य अभियंता कार्यालय पर बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया। मांगना पूरी होने के चलते बिजली कर्मचारी 20 नवंबर को बैठक कर आंदोलन के अगले चरण की रणनीति तैयार करेंगे।
बीते 15 दिन से चरणबद्ध आंदोलन चला रहे बिजली कर्मियों ने मंगलवार को 41 अरब के पीएफ घोटाले में प्रदेश सरकार की ओर से आंदोलित बिजली कर्मियों को कोई आश्वासन न मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और पावर कारपोरेशन के पूर्व एमडी आलोक कुमार का चित्र रखकर सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए यज्ञ किया। यह यज्ञ जिला मुख्यालय के मुख्य अभियंता कार्यालय पर किया गया। सोमवार सुबह से बिजली कर्मियों ने 48 घंटे का कार्य बहिष्कार शुरू किया था, जो मंगलवार की शाम समाप्त हो गया।
               उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में काम कर रहे कर्मचारियों के भविष्य निधि की रकम निवेश किए जाने के मामले में कर्मचारी सोमवार से कार्य बहिष्कार पर हैं।आंदोलित कर्मियों का कहना है कि जब तक सरकार की ओर से डूबी रकम का जिम्मा नहीं लिया जाता और इसके बाबत सरकारी नोटिफिकेशन नहीं जारी किया जाता, तब तक कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहेगा।बिजली कर्मचारियों की मांग है कि प्राविडेन्ट फण्ड के भुगतान की जिम्मेदारी लेकर उप्र सरकार गजट नोटिफिकेशन जारी करे और घोटाले के मुख्य आरोपी पूर्व चेयरमैन और अन्य जिम्मेदार आईएएस अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाये। साथ ही पूरे घोटाले पर सरकार की ओर से श्वेत पत्र जारी किया जाए और घोटाले की सेंट्रल ब्यूरो इन्वेस्टिगेशन से जांच कराई जाए।
              कर्मियों के कार्य बहिष्कार के बावजूद प्रदेश सरकार की ओर से मामले में अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की गई जिससे नाराज आंदोलित बिजली कर्मियों ने प्रदेश सरकार के बुद्धि शुद्धि के लिए मुख्य अभियंता कार्यालय पर हवन यज्ञ किया।बिजली कर्मचारियों का आरोप है कि कर्मचारियों के खून पसीने की कमाई और बुढ़ापे का सहारा भविष्य निधि की रकम को उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अधिकारियों और अन्य की मिलीभगत से एक निजी फर्म में इन्वेस्ट कर दी गई। डीएचएफएल फर्म में अभी भी बिजली कर्मचारियों का 2600 करोड़ फंसा हुआ है जिसके मिल पाने की उम्मीद धूमिल हो गई है और सरकार गारंटी लेने को भी तैयार नहीं है।
           संघर्ष समिति के संयोजक पंकज तिवारी का कहना है कि बिजली कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हर महीने अपने वेतन से एक निश्चित रकम कटवाते हैं। उम्मीद रहती है कि रिटायरमेंट के बाद जरूरत के लिए पैसा हासिल होगा लेकिन भविष्य निधि संगठन के अधिकारियों और अन्य लोगों ने मिलीभगत कर लाखों कर्मचारियों के खून पसीने की कमाई में घोटाला कर दिया। कर्मचारी 15 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं और सरकार से पीएफ-सीपीएफ के रकम की वापसी की गारंटी और गजट नोटिफिकेशन चाह रहे हैं, लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही। इसी को लेकर कर्मियों की ओर से सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए हवन यज्ञ किया गया है ताकि सरकार का मन मस्तिक ठीक हो और वह गारंटी दे। पूरे घोटाले की सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराई जाए।
           बिजली अभियंता संघ के पूर्व महासचिव डीसी दीक्षित ने कहा कि सरकार की ओर से कर्मचारियों के हित में कोई पहल नहीं की गई। अब कर्मचारी 20 नवंबर को बैठक कर अगले आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे। मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।

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