अलीम खान
अमेठी/ सुल्तानपुर :बल्दीराय तहसील के क्षेत्र में चक्कारी भीट नाम से मशहूर में गोमती नदी तट पर हजरत जुडई शहीद की मजार मौजूद है जिनका दो रोजा उर्स बड़े ही अकीदत कै साथ मनाया जाता है।उर्स के मौके पर बाबा की मज़ार पर हजारों जायरीन का तांता लगा रहा।हिन्दू--मुस्लिम एक साथ मजार पर प्रसाद(सिननी)व चादर चढ़ा कर अपनी व मुल्क की सलामती की दुआएं मांगी।बाबा की मजार पर हर वर्ष दो दिवसीय का आयोजन किया जाता हैं।
उर्स के पहले दिन शाम को हजरत जुडई शहीद के मजार पर कव्वालों ने महफ़िल ए शमां का आगाज़ किया।महफ़िल ए शमा आगाज किया।उर्स के बाद दूसरे दिन सुबह कुरआन खानी,ग़ुस्ल, लँगरेआम,व मेला का आयोजन किया गया।रात्रि (शाम)को जश्ने ईद मीलादुन्नवी का प्रोगाम हुआ किया गया जलसे की शुरुआत
मौलाना सलमान रज़ा साहब क़िबला (बाहरबंकी) व मौलान सुल्तान रज़ा (इब्राहीमपुर) नें तिलावते क़ुरआन पाक से किया उन्होंने अपने तकरीर में कहा कि वली जिंदा हैं, कुरानो हदीस की रोशनी मे बताया कि बेशक वली जिंदा है।इन्ही बुजुर्गों के कौल को सामने रखते हुए ये भी कहा कि हम हिन्दुस्तानी इन्हीं बुजुर्गों के छत छाये मे जी रहे हैं।इन्हीं बुजुर्गों ने अमनचैन का पैगाम दिया।
मौलाना शरीफ नवाज़ क़ादरी क़िबला इसौली की शायरी सुनकर वहां मौजूद लोग खुशी से झूम उठें।"उस घड़ी लगता है में भी जन्नत मे हूं,अपने क़दमो में जब भी सुलाती है माँ,है अभी पास कर उसकी ख़िदमत शरीफ दूर जाकर बहुत याद आती है माँ।। ।
शायरे इस्लाम साज़िद शमीमी जगदीशपुर,नोमान साहब कोलकाता,जनाब अंसार रज़ा इब्राहीमपुर,*ज़ेरे निज़ामत फ़रहान रज़ा सुलतानपुरी ने अपना-अपना कलाम पेश किया।
इस मौके आयोजन वसीम अहमद,मोनू,सफीक अहमद,आदिल खान,इमरान,हाजिम,अमरोज,शारूख,मो हम्मद ज़ैद,सोहेल अहमद,कमर अंसारी,प्रधान (चक्कारी भीट)प्रदीप कुमार यादव,रमेश कनोजिया(पूर्व जिला पंचायत)सहित कई लोग मौजूद रहे।
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