अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। प्रदेश में डेंगू लगातार हो रही मौतों व बढ़ रहे मरीजों पर सख्त रूख अपनाते हुए प्रदेश सरकार ने एक बार फिर से संचारी रोग पखवाड़ा मनाये जाने का निर्देश जारी किया है। 30 नवम्बर तक चलने वाले इस अभियान की शुरूआत जिले में कर दी गई है। 13 विभागों की ब्लाक व जिला स्तरीय संयुक्त टीमों का गठन कर शासन के निर्देश के अनुसार व माइक्रोप्लान के अनुसार कार्य करने के निर्देश दिये गये हैं।
सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. घनश्याम सिंह ने बताया जिले में अब तक डेंगू के 5 मरीज पाए जा चुके हैं जो कि सही समय पर इलाज के बाद बिल्कुल स्वस्थ हैं। प्रदेश में कई स्थानों पर डेंगू के मरीज और लार्वा मिलने पर संचारी रोगों की रोकथाम के लिए जिले में एक बार फिर संचारी रोग पखवाड़ा शुरू किया गया है। जिला मलेरिया अधिकारी मंजुला आनंद ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में की गई समीक्षा बैठक के दौरान व्यापक प्रभावी उपाय और अभियान के निर्देश दिए हैं। 30 नवम्बर तक चलने वाले इस अभियान में मच्छर रोधी दवा का छिड़काव, जलभराव रोकने, सफाई, झाड़ियों की सफाई, फागिंग, कुपोषित बच्चों की पहचान करना, मच्छररोधी पौधों को लगाना, चूहे और छदुन्दर का निस्तारण, कचरा निस्तारण व शुद्ध पेयजल पर जोर दिया गया है। अभियान के दौरान संचारी रोगों जैसे मलेरिया, फाइलेरिया, चिकनगुनिया व दिमागी बुखार आदि के प्रति लोगों को पम्पलेट बांटकर जागरूक किया जा रहा है। अभियान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सहित शिक्षा विभाग, नगर पालिका, नगर पंचायत, पंचायती राज विभाग, ग्राम विकास विभाग, कृषि विभाग, सिंचाई विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, दूर संचार विभाग सहित कुल 13 विभाग एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पहले जहां डेंगू के मरीज मिले हैं वहां पर फागिंग, लार्विसाइडल स्प्रे, स्वास्थ्य शिक्षा देने के साथ आस पास के घरों में रहने वाले लोगों के खून की जांच भी कराई गई है।
कैसे और कब होता है डेंगू
डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता।
ऐसे फैलता है डेंगू
डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है। काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है।
डेंगू बुखार के लक्षण
ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढ़ना। सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना। आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना। बहुत ज्यादा कमजोरी लगना। भूख न लगना। जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना। गले में हल्का-सा दर्द होना। शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना।
डेंगू बुखार से बचाव
आउटडोर में पूरी बांह की शर्ट, बूट, मोजे और फुल पैंट पहनें। खासकर बच्चों के लिए इस बात का जरूर ध्यान रखें। मच्छर गाढ़े रंग की तरफ आकर्षित होते हैं इसलिए हल्के रंग के कपड़े पहनें। तेज महक वाली परफ्यूम लगाने से बचें क्योंकि मच्छर किसी भी तरह की तेज महक की तरफ आकर्षित होते हैं। कमरे में मच्छर भगानेवाले स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि का प्रयोग करें। मस्किटो रेपलेंट को जलाते समय सावधानी बरतें। इन्हें जलाकर कमरे को 1-2 घंटे के लिए बंद कर दें।
मच्छरों को पैदा होने से रोकने के लिए क्या करें
कहीं भी खुले में पानी जमा न होने दें, साफ पानी भी गंदे पानी जितना ही खतरनाक है। पानी पूरी तरह ढककर रखें, कूलर, बाथरूम, किचन आदि में जहां पानी रुका रहता है, वहां दिन में एक बार मिट्टी का तेल डाल दें। कूलर का इस्तेमाल बंद कर दें। अगर नहीं कर सकते तो उसका पानी रोज बदलें और उसमें ब्लीचिंग पाउडर या बोरिक एसिड जरूर डालें। छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें या उलटा करके रखें। पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें। घर के अंदर सभी जगहों में हफ्ते में एक बार मच्छरनाशक दवाई का छिड़काव जरूर करें।
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