अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। जनपद बलरामपुर मे ठंड में जानकारी कमी के कारण कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खास तौर पर बंद कमरे में अंगीठी आदि जलाकर सोने के दौरान कई अप्रिय घटनाएं पूर्व के समय में हो चुकी हैं। ऐसे में आने वाली ठण्ड में हमें सतर्क रहने की जरूरत है। ठण्ड के मद्देनजर जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण ने एडवाइजरी जारी की है।
अपर जिलाधिकारी मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरूण कुमार शुक्ल ने बताया कि कोयले की अंगीठी, मिट्टी तेल का चूल्हा अथवा हीटर का प्रयोग करते समय सावधान रहें तथा कमरे को हवादार रखें, ताकि जहरीले धुएं से नुकसान न हो। अत्यधिक ठण्ड होने पर घर के अंदर सुरक्षित रहें तथा स्थानीय समाचार पत्र, रेडियो व टेलीविजन से मौसम की जानकारी लेते रहें। शीतदंश के लक्षणों को पहचानें- जैसे हाथों व पैरों की उंगलियों, कानों, नाक पर सफेद या पीले दाग उभर आना। शीतदंश की स्थिति में शीघ्र अपने निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र जाकर इलाज कराएं। विषम परिस्थितियों अथवा अत्यधिक सर्दियों के लिए ईंधन बचाकर रखें। शरीर को सूखा रखें, गीले कपड़े तुरंत बदल लें, ये आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अपने परिवार को यथासंभव घर के अंदर सुरक्षित रखें। घर में अलाव के साधन नहीं हैं, तो अत्यधिक ठंड के दिनों में सामुदायिक केन्द्रों पर जाएं, जहां प्रशासन द्वारा अलाव का प्रबंध किया गया हो। कई स्तरों वाले गर्म कपड़े आपको शीतदंश और हाइपोथर्मिया से बचा सकते हैं। मवेशियों को रात में खुले आकाश, पेड़ के नीचे न रखें तथा मवेशियों को छत के नीचे रखकर कम्बल सूती बोरा से ढकें। रात में आग जलाएं एवं उनके बैठने की जगह पर पुआल या रबर मैट का इस्तेमाल करें। शीतलहरी के दौरान वाहन चलाते समय हेलमेट, हाथ में दस्ताना और फुल जैकेट जरूर पहनें। घने कुहासे में गाड़ी न चलाएं, अति आवश्यक होने पर फॉग लाइट जलाकर धीमी गति से सावधानी पूर्वक गाड़ी चलाएं। शरीर में ऊष्मा के प्रवाह को बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार एवं गर्म पदार्थों का सेवन करें। अत्यधिक कम्पन्न, सुस्ती, कमजोरी, सांस लेने में परेशानी हो तो तत्काल स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लें।
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