गोंड़ा:मुख्यमंत्री के जनसुनवाई के पोर्टल पर की जा रही शिकायतों पर सही तरह से निस्तारण न करना व फर्जी आख्या लगा कर अधिकारीगण न कि शिकायतकर्ता को गुमराह कर रहे है बल्कि सीएम योगी आदित्यनाथ को भी झांसा देने में पीछे नही है। जिससे जनता का विश्वास सरकार से व इस पोर्टल से उठ गया है।
बताते चले कि इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम अर्थात समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली(जनसुनवाई) जो कि उत्तर प्रदेश शासन से मुख्यमंत्री की निगरानी में लोक शिकायत अनुभाग-5द्वारा संचालित है। जिसका उद्देश्य प्रभावी शिकायत प्रबंधन, निवारण और निगरानी के लिए एक एकीकृत कंप्यूटरीकृत प्रणाली जन सुनवाई का विकास जिसके माध्यम से विभिन्न विभागों में चल रही शिकायत प्रबंधन प्रणालियों को एक ही प्लेटफॉर्म पर समाहित किया जाना जिससे नागरिकों तथा शासन /विभागों के बीच सुगम एवं पारदर्शी संवाद स्थापित किया जा सके साथ ही इस प्रणाली में दर्ज शिकायतों का अनुश्रवण मुख्यमंत्री कार्यालय के लोक शिकायत विभाग द्वारा किया जाता है ।
अर्थात जनसुनवाई की शिकायत पर फर्जी आख्या लगाना साफ साबित है कि विभाग या विभागीय अधिकारियों द्वारा शिकायतकर्ता को ही नही बल्कि सूबे के मुखिया को भी गुमराह करना है।
ऐसा ही ताजा मामला विकास खण्ड छपिया के ग्राम पंचायत तेजपुर में देखने को मिला है जहाँ गॉव के ही एक व्यक्ति ने मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत मे फर्जी तरीके से हो रहे कार्यों की शिकायत जनसुनवाई के माध्यम से उच्च अधिकारियों से की जिसकी शिकायत संख्या क्रमशः40018319028769,40018319028033,40018319027919 है।लेकिन इन शिकायतों पर ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा फर्जी आख्या लगाकर तेजपुर में मनरेगा सम्बन्धित आख्या न देकर ग्राम पंचायत वीरपुर गॉव की सुनीता पत्नी जय सिंह की शिकायत की आख्या दे दी गई है अधिकारियों की ऐसी लापरवाही ने जनसुनवाई पोर्टल पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।जिससे जनता का विश्वास सरकार और इस सिस्टम से उठ रहा है। योगी आदित्यनाथ के सरकार में अधिकारी मनमानी कर जनता का शोषण कर रहे है।
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