वासुदेव यादव
अयोध्या। अंतरराष्ट्रीय भाषा केंद्र, अकादमिक प्रशासकों व शिक्षकों के प्रशिक्षण और साझी विरासत के संरक्षण व दस्तावेजीकरण को लेकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली व डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के साथ काम करने को लेकर संभावनायें तलाश रहे हैं। इस संबंध में दिनांक 14 नवम्बर, 2019 को अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित व जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने विस्तृत चर्चा की व साथ काम करने की संभावनाओं पर विचार किया। इस बैठक में विश्वविद्यालय के अकादमिक सलाहकर अरुण के पाण्डेय भी उपस्थित रहे। दोनों कुलपतियों ने अकादमिक सहयोग बढ़ाने व शिक्षण-प्रशिक्षण के बेहतर अभ्यासों के विनिमय को लेकर प्रतिबद्धता जताई। जामिया की कुलपति का अकादमिक प्रशासन एवं शिक्षण में लंबा अनुभव है ने बताया कि इस विश्वविद्यालय को देश में 11वीं रैंक प्राप्त है। यहां अवध विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापकों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत कोर्स कराने की इच्छा जताई और पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने अपने यहां स्थापित अंतरराष्ट्रीय भाषा केंद्र के बारे में बताते हुये प्रो. दीक्षित को इस दिशा में भी काम करने का सुझाव दिया और उनका सहयोग भी मांगा।
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