दुर्गा सिंह पटेल
मसकनवा गोंडा।भारत के प्रथम प्रधानमंत्री चाचा नेहरू का 130वाँ जन्मदिवस केआईएमटी कंप्यूटर कोचिंग सेंटर स्वामी नारायण छपिया में बाल दिवस के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर चाचा नेहरू के चित्र पर पुष्प अर्पित कर चाचा नेहरू को याद किया गया।बाद में थाना अध्यक्ष छपिया श्याम बहादुर सिंह द्वारा केक काट कर कार्यक्रम का आगाज किया गया। इस मौके पर थानाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने कहाँ कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से काफी लगाव था, इसलिए उनके जन्मदिन को बच्चों के प्रति समर्पित कर दिया गया। आज का दिन देश के भविष्य को नया रास्ता देने का है। नौनिहालों में छिपी हुई प्रतिभा को तराश कर कल के बेहतर भारत की नींव डालने का है।
पंडित जवाहर लाल नेहरू को बच्चे प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उनका कहना था कि आज के बच्चे कल के भारत का निर्माण करेंगे। हम उनका किस तरह पालन पोषण करते हैं यह देश के भविष्य के बारे में बताता है। नेहरू जी का बच्चों से प्रेम का एक वाकया है। तीन मूर्ति भवन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का सरकारी निवास था। एक दिन वे इसके बगीचे में टहल रहे थे। तभी उन्हें एक छोटे बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। नेहरूजी ने आसपास देखा तो उन्हें पेड़ के बीच एक दो माह का बच्चा रोता दिखाई दिया। नेहरूजी ने मन ही मन सोचा- इसकी मां कहां होगी? उन्होंने इधर-उधर देखा। वह कहीं भी नजर नहीं आ रही थी। उन्होंने सोचा शायद वह बगीचे में ही कहीं माली के साथ काम कर रही होगी। नेहरूजी यह सोच ही रहे थे कि बच्चे ने रोना तेज कर दिया। इस पर उन्होंने उस बच्चे को उठाकर अपनी बांहों में लेकर उसे थपकियां दीं, झुलाया तो बच्चा चुप हो गया और मुस्कुराने लगा। बच्चे की मां ने जब प्रधानमंत्री की गोद में अपने बच्चे को देखा तो उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। ऐसे महान थे चाचा नेहरू। यही वजह है कि बालदिवस पर आज भी बच्चे चाचा नेहरू को याद करते हैं।
इस मौके पर संस्था के प्रबंधक दीपक वर्मा, डायरेक्टर शेषराम वर्मा, ज्योति पांडेय, वीरेंद्र वर्मा अध्यापक, भानू प्रताप अध्यापक, विश्वास पांडेय, रजनीकांत पांडेय, अध्यापक, आशीष सिंह, डॉली पांडेय, रौनक, विकास, प्रदीप, अरुण, रवि, स्नेह, प्रिया, सोनू, अंकिता त्रिपाठी, सौम्य पांडेय अमन आदि लोग उपस्थित रहे।
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