अनीता गुलेरिया
दिल्ली:- जिला द्वारका-उपायुक्त एंटो अल्फोनस अनुसार द्वारका इलाके में अवैध-तरीके से रहते नाइजीरियन-लोगों द्वारा ड्रग्स तस्करी-धंधे पर आए दिन पकड़ होने के बाद से उनके द्वारा अपने इलाके में आए दिन कैंपिंग द्वारा लोगों को "आई- एंड-इयर" स्कीम के तहत प्रहरी के तौर पर पुलिस की मदद करने के लिए जागरूक किया जाता है । नशा-विरोधी दस्ता जिले में बेहद-सक्रियता के साथ काम करने में जुटा है । इसी के चलते कांस्टेबल हरदेव को शक के आधार पर सूचना मिली,एक शख्स ऑटो वाले को दो-गुणा किराया देकर गया है,उसके पास एक संदिग्ध-बैग है । एसीपी विजय कुमार को सूचित करने उपरांत उनकी निगरानी में मोहन-गार्डन एसएचओ बलजीत सिंह की अगुवाई में,इंस्पेक्टर जगबीर, एसआई नरेश,कांस्टेबल संदीप और हरदेव की मजबूत-टीम ने पच्चीस-फुटा रोड,विपिन गार्डन एक्सटेंशन नियर श्याम वाटिका के पास जाल बिछाया, रात आठ बजे करीब सिद्धार्थ एंक्लेव के पास श्याम-वाटिका की तरफ एक शख्स प्लास्टिक पॉलिथीन के साथ जाते दिखाई दिया,सूचना देने वाले शख्स द्वारा उसकी पहचान करते ही पुलिस ने बड़ी मुस्तैदी से शख्स को गिरफ्त में लेते हुए रोका, मौके पर चेकिंग-दौरान उसके बैग से उम्दा-किस्म की हीरोइन पाई गई । नजफगढ़ एसीपी विजेंद्र सिंह ने तुरंत मौके पर पहुंचते हुए तकरीबन एक किलो की इस उम्दा-किस्म की हिरोइन को कब्जे में लिया । डीसीपी अनुसार अंतरराष्ट्रीय- बाजार में इसकी कीमत सात- करोड़ के करीब है,पकड़े गए आरोपी का नाम भगवान सिंह उम्र(45)वर्ष दूलेवाला,तहसील धनकोट,जिला मोगा का रहने वाला है,पुलिस कड़ी-पूछताछ दौरान आरोपी ने अपना जुर्म कबूलते हुए बताया, विपिन गार्डन में अफ्रीकन (मेंसी) नाम की औरत रहती है,यह ड्रग्स वह उस से खरीद कर ले जा रहा था । वह सत्रह-साल से पंजाब के सारे इलाकों में नशे की अवैध-सप्लाई का धंधा करता आ रहा है । पुलिस जांच अनुसार आरोपी-तस्कर पर नौ केस (एन डी पीएस) एक्ट के तहत पंजाब के मोगा जिले में दर्ज हैं,एक मामला फतेह सिंह पंजतूर,साउथ-सिटी मोगा मे छह केस,दो केस जीरा में,एक केस फिरोजपुर और एक केस गोविंद-साहेब,जिला-तरनतारन मे 1992 से लेकर 2016 के बीच में दर्ज है और सारे मामले ट्रायल पर चलने के बावजूद भी आरोपी-तस्कर द्वारा ड्रग्स-धंधे की तस्करी को तेज रफ्तार से करना निरंतर जारी है । मोहन गार्डन पुलिस एफ आई आर 540/19 U/S 21 एनडीपी एस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गहनता से पूछताछ करते हुए,आरोपी के जरिए ड्रग्स तस्करों की आखिरी तह तक पहुंचने में जुटी है । समझ नहीं आता, हमारे देश में आरोपी को जुर्म-दर-जुर्म करने के बावजूद भी जमानत-रिहाई देने के नाम पर समाज में लगातार जुर्म को बढ़ावा मिलते रहना,हमारे देश की लचर-कानून व्यवस्था का धमाल नही तो और क्या है ?
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