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मीडिया आईकान बने परमहंस उदास को भारी पड़ी न्यास अध्यक्ष पर टिप्पणी


अमरजीत सिंह 
अयोध्या। आचार्य पीठ स्वामी तपस्वी जी की छावनी के महंत सर्वेश्वर दास चेला राम गुलाब दास ने कहा कि परमहंस दास उर्फ उदय नारायण दास खुद को महंत और जगतगुरु बताता है। जबकि मैंने उसे आश्रम और अपनी सेवा की लिए रखा था, न ही उसको महंती दी है और न कोई अन्य जिम्मेदारी सौंपी है। अपने फर्जीवाड़े से परमहंसदास ने अयोध्या की ऐतिहासिक सनातन परंपरा और गौरव को नष्ट करने का काम किया। राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और मणिराम दास छोटी छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास पर अनर्गल और सरासर झूठे आरोप लगाए। एक प्रतिष्ठित संत के पद प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया।तपस्वी छावनी के महंत ने कहा कि वह परमहंस दास का बहिष्कार करते हैं और राम नगरी के संतों और महंतों से निवेदन करते हैं कि इसका बहिष्कार करें। शिष्य मंडली को भी फर्जी महंत परमहंस दास का बहिष्कार करने और संरक्षण न देने का आदेश देता हूं। शनिवार को तपस्वी छावनी में मीडिया से मुखातिब महंत सर्वेश्वर दास ने कहा कि न्यास अध्यक्ष निर गोपाल दास जी उनके गुरु हैं। परमहंस ने गुरु के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की जो ना तो शास्त्र सम्मत है और न ही उचित। यह बर्दाश्त करने के काबिल नहीं है। उसको अपने कृत्य का दंड मिलना ही चाहिए।
         राम मंदिर को लेकर अपने हाथ से परमहंसदास चर्चा में आए। राम मंदिर के लिए आमरण अनशन करने के चलते गिरफ्तार कर जेल गए और कई दिनों तक जेल में गुजारना पड़ा। कभी मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी से गलबहिंया करने और अक्सर मीडिया की डिबेट में मंच साझा करने को लेकर चर्चा में रहे। एक राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल के स्टिंग ऑपरेशन की वीडियो क्लिप को माध्यम बनाकर परमहंस दास में मुस्लिम पैरों का हाजी महबूब के खिलाफ अदालत से मुकदमा दर्ज कराया। इधर भी राम नगरी के ही एक संत से मोबाइल पर वार्ता के दौरान न्यास अध्यक्ष के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी का वाकया मीडिया में आने के बाद छोटी छावनी के साधुओं ने धावा बोल तपस्वी छावनी पर हंगामा किया था। मौके की नजाकत को देखते हुए जिला प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में परमहंस दास को सुरक्षित स्थान के लिए रवाना कर दिया था। इधर राम नगरी के संत धर्माचार्य के दबाव के चलते तपस्वी छावनी के महंत सर्वेश्वर दास को अपने शिष्य परमहंस दास के बहिष्कार की घोषणा करनी पड़ी।


अदालत से मुकदमा दर्ज कराया। इधर भी राम नगरी के ही एक संत से मोबाइल पर वार्ता के दौरान न्यास अध्यक्ष के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी का वाकया मीडिया में आने के बाद छोटी छावनी के साधुओं ने धावा बोल तपस्वी छावनी पर हंगामा किया था। मौके की नजाकत को देखते हुए जिला प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में परमहंस दास को सुरक्षित स्थान के लिए रवाना कर दिया था। इधर राम नगरी के संत धर्माचार्य के दबाव के चलते तपस्वी छावनी के महंत सर्वेश्वर दास को अपने शिष्य परमहंस दास के बहिष्कार की घोषणा करनी पड़ी।

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