सुनील उपाध्याय
बस्ती : सीएमओ डॉ. एके गुप्ता ने शुक्रवार को जिला अस्पताल के पीआईसीयू में इसे एक कार्यक्रम में लांच किया। इस एप के काम करना शुरू कर देने के बाद जहां पीआईसीयू/ईटीसी में भर्ती मरीजों पर जिले और प्रदेश के अधिकारी नजर रख सकेंगे, वहीं वार्ड में दवाओं की उपलब्धता और उपकरणों की स्थिति की भी हर समय मॉनीटरिंग कर सकेंगे। एईएस/जेई की रोकथाम के लिए काम करने वाली एनजीओ संस्था पॉथ ने प्रदेश सरकार के सहयोग से यह एप तैयार किया है।
डीएमओ आईए अंसारी ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या जिले व प्रदेश स्तर पर समय से मरीजों का डाटा जमा करने को लेकर हो रही थी। इसके अलावा यह नहीं मालूम हो पाता था कि किस पीआईसीयू/ईटीसी में कौन सी दवा उपलब्ध नहीं है तथा कहां का कौन सा उपकरण काम नहीं कर रहा है। अभी तक यह सब कुछ कागजों में चलता था।
रीच एप से सभी पीआईसीयू, मिनी पीआईसीयू व ईटीसी के इंचार्ज को जोड़ा गया है। उन्हें टेबलेट दिया गया है। यह लोग इस एप पर मरीज के भर्ती होने के साथ ही उसकी पूरी डिटेल परामर्श के साथ दर्ज करेंगे। इस पर यह तक दर्शाना होगा कि यहां आने से पहले मरीज को कहा-कहा दिखाया गया है। इसी के साथ अब इंचार्ज को वार्ड में दवाओं की मांग व किसी उपकरण के खराब होने पर तत्काल इसी एप पर सूचना देनी होगी। सूचना मिलने के साथ ही जिले स्तर से कार्रवाई शुरू हो जाएगी। अधिकारियों के लिए पीआईसी/ईटीसी की मॉनीटरिंग काफी आसान हो जाएगी।
पीआईसीयू इंचार्ज डॉ. बीपी यादव, डॉ. सरफराज अहमद, बस्ती/गोरखपुर मंडल के पॉथ के प्रोग्राम आफिसर डॉ. राहुल कांबले, जिला समन्वयक पॉथ प्रशांत श्रीवास्तव, सीनियर नर्सिंग आफिसर ललिता सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी लांचिंग के अवसर पर मौजूद रहे।
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दो पीआईसीयू, 13 मिनी पीआईसीयू/ ईटीसी जुड़े
एप से जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज स्थित पीआईसीयू, गौर, हर्रैया व कुदरहा का मिनी पीआईसीयू तथा दस अन्य ब्लॉक स्तरीय ईटीसी जुड़ गए हैं। एप संचालन का प्रशिक्षण सभी इंचार्ज को पहले ही दिया जा चुका है। 2019 में भर्ती हुए सभी मरीजों की सूचना व उपलब्ध संसाधन अपलोड होगा।
एप ने काम करना शुरू कर दिया है। सभी इंचार्ज से कहा गया है कि वह प्रत्येक दिन की सूचना अपडेट करते रहेंगे। इसके शुरू हो जाने के बाद सूचनाओं का आदान-प्रदान काफी तेज गति से होगा। किसी वार्ड में समस्या होने पर तत्काल सूचना मिलेगी और उसका निदान कराया जाएगा।
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