अनीता गुलेरिया ।
दिल्ली : पालम के एनजीओ डॉन-बॉस्को आशालयम मे बिछड़े-बच्चे जो अपने घरवालो से नहीं मिल पाते हैं,उनको यहां रखा जाता है । परिवार से बिछड़े इन बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए एनजीओ द्वारा इन बच्चों को जिला द्वारका उपायुक्त-एंटो अल्फोनस से मिलवाया गया । इस मुलाकात के दौरान इस आशालयम में रहते इन बच्चों ने अपने संरक्षण-हेतु पुलिस में अपना विश्वास कायम रखने के लिए उपायुक्त के हाथ में फ्रेंडशिप बैंड बांधते हुए दोस्ताना-हाथ मिलाया ।
उपायुक्त द्वारा बच्चों को अपनी इच्छा-शक्ति को बढ़ाते हुए अपने जीवन में अच्छी कार्यशैली-माध्यम से बेहतरीन-नागरिक बनते हुए देश के हर राष्ट्रीय-कार्य हेतु योगदान व समर्पित होने की भावना से प्रेरित किया । बच्चों द्वारा सांझा किए गए अपने अनुभव कि वह अपने मां बाप से कैसे बिछड़े, इसके बारे में डीसीपी एंटो अल्फोनस से सुनील नाम के बच्चे द्वारा बताया गया,कि वह अपने कुछ दोस्तों की बातों में आकर उनके साथ मुंबई घूमने निकला था । लेकिन तब से वह अपने मां बाप से नहीं मिल पाया है, अपने जीवन की सबसे भड़ी भूल बताया,बच्चों से काफी देर बातचीत दौरान डीसीपी ने बच्चों को भरोसा दिलाते हुए कहा, दिल्ली-पुलिस सदैव परिपूर्णता से उनके साथ हैं । वहां उपस्थित एक अठारह वर्षीय-बच्चे से द्वारका-डीसीपी ने दिल्ली-पुलिस द्वारा युवा- योजना के तहत चल रहे स्वयं रोजगार परीक्षण-केंद्र कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए उससे जुड़ने के लिए प्रेरित भी किया । मीटिंग में बैठे अन्य पुलिसकर्मियों को भी बच्चों ने फ्रेंडशिप-बैंड बांध कर पुलिस के प्रति अपना विश्वास जागृत किया । द्वारका पुलिस के इस दोस्ताना पूर्व करवाइए से इन बच्चों ने खुश होकर जिला उपायुक्त-एंटो अल्फोनस का हार्दिक-आभार व्यक्त करते हुए अपने आशालयम में आने का न्योता दिया । इस तरह एनजीओ डॉन-बॉस्को आशालयम द्वारा बच्चों की पुलिस के साथ करवाई गई दोस्ताना-मुलाकात बहुत ही काबिले-तारीफ है ।
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