दुर्गा सिंह पटेल
मसकनवा (गोंडा):शराब माफियाओं के अवैध कारोबार क्षेत्र में अपनी जड़ जमाते जा रहे है। जगह-जगह कुटीर उद्योग की तरह कच्ची शराब बनाने और बेचने का धंधा फलफूल रहा है। इसकी रोकथाम के लिए सम्बंधित अधिकारियों की कार्यवाही केवल कागजों तक ही सीमित रह जाती है। यही कारण है कि छपिया थाना क्षेत्र के भौरहा,नयनजोत,पल्टीपुर,हथिनी,दानेपुर,ककरघटा,बीरापुर सहित कई अन्य गॉवो में कच्ची शराब का उत्पादन रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
पूरी रात कच्ची दारू उगलने वाली भट्ठियां धधकती नजर आती हैं। रात भर का समय गुजरने के बाद एक-दो लीटर नहीं,बल्कि सैकड़ों लीटर कच्ची शराब तैयार हो जाती है।तैयार हो चुकी कच्ची शराब की बिक्री अपने तय स्थानो पर शराब माफियाओ द्वारा मोटरसाइकिल के सहारे पहुँचाया जाता है।शराब उत्पादन के बाद झुग्गी-झोपड़ियों पर कच्ची शराब की बिक्री आम बात हो चुकी है। कारोबारियों ने आबकारी विभाग को चकमा देने के लिए अपनी कच्ची शराब का दाम आधा कर दिया है। इससे जहां ठेके की दुकानों पर लगभग 80 रुपये में शीशी शराब मिलती है। वहीं कच्ची दारू मात्र बीस रुपये में खुलेआम बेची जा रही है। भारी मात्रा में बन रही कच्ची शराब की लत में इन दिनों युवा वर्ग के लोग जिंदगी बर्बाद करते नजर आ रहे है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छपिया पुलिस शराब कारोबारियों से माहवारी वसूली कर बनवाती है अवैध कच्ची शराब पुलिस शराब को बंद करवाने में दिख रही हैं विफल।
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