■ अन्नप्राशन में 13 पोषण सखियों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
■ बेहतर तरीके से आयोजित किए गए अन्नप्राशन के कार्यक्रम
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। जिले के 1492 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अन्नप्राशन दिवस का कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान जिले में कार्यरत 13 पोषण सखियों ने अपन्नप्राशन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए 6 माह की आयु पूरी कर चुके बच्चों को पारिवारिक माहौल में अन्नग्रहण करवाया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास एवं पुष्टाहार सुश्री विजयश्री ने बताया कि बच्चों को स्तनपान के साथ-साथ उपरी आहार की भी अत्यन्त आवश्यकता होती है। इसलिए उनको उचित मात्रा में उपरी आहार देने की जरूरत होती है। इससे बच्चों का शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास तेजी से होने में सहायक होता है। साथ ही साथ छह माह के बच्चों को दिन में कम से कम तीन बार में लगभग 100 ग्राम मसला हुआ दाल एवं रोटी, चावल-दाल या मौसमी फल, घर में बनने वाली हरी साग सब्जियां व अन्य ठोस आहार तैयार करके देना आवश्यक है। हैसर स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र पर बताया गया कि बच्चों की उम्र बढ़ने के साथ-साथ भोजन की गरिष्ठता और मात्रा बढ़ाने की जरूरत है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने कटोरी चम्मच बच्चे के अभिभावक को देकर समझाया कि माप के अनुसार भोजन बच्चों को कराते रहना चाहिए। इस दौरान सीडीपीओ बेलहर अनुज कुमार, सीडीपीओ बघौली वीरेन्द्र तिवारी, प्रभारी सीडीपीओ सेमरियांवा शकीला के साथ ही सुपरवाइजर, आगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ ही अन्य लोग मौजूद रहे।
उपरी आहार न मिलने पर बच्चे हो सकते कुपोषित - अजिथ रामचंद्रन
जिला पोषण विशेषज्ञ अजिथ रामचन्द्रन ने बतताया कि यदि बच्चों को उपरी आहार नही दिया जाता है जिससे बच्चे कुपोषित की श्रेणी में आ सकते हैं। इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन से लाभार्थियों द्वारा बहुत सराहना मिल रही है जिससे छह माह पूरे कर चुके बच्चो में जल्द से जल्द पूरक आहार की शुरुआत की जा रही है। कुपोषण से लड़ने से सहयोग मिल रहा है।
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