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अन्‍तराल दिवस के जरिए परिवार नियोजन की एक और पहल



■ प्रत्येक गुरुवार को स्‍वास्‍थ्‍य इकाईयों पर मनाया जाएगा अन्‍तराल दिवस

■ महिलाओं और पुरुषो को दी जाएगी परिवार नियोजन की जानकारी

आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अब प्रत्येक गुरुवार को स्वास्थ्य इकाइयों द्वारा अन्तराल दिवस मनाया जाएगा। इसके तहत अस्पतालों में पहुँचने वाली महिलाओं को गर्भनिरोधक के अस्थाई साधनों के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही विशेषज्ञों द्वारा शंकाओं का समाधान किया जाएगा। एक ही जगह पर परिवार नियोजन के सभी अस्थायी साधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

एसीएमओ आरसीएच व परिवार कल्‍याण प्रभाग के नोडल डॉ मोहन झा ने बताया कि विवाह के बाद एवं 2 बच्चों के बीच अन्तर रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्थाई गर्भनिरोधक सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है। दम्पति परिवार नियोजन सम्बन्धी परामर्श व गर्भनिरोधक सामग्री नि:शुल्क प्रदान की जाती है । कार्यक्रम के दौरान अन्तराल, ओरल पिल्स, छाया आदि सेवाओं के बारे में बताया जाएगा। अंतराल दिवस के अवसर पर परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों को उपलब्ध कराने का कार्य किया जाएगा। इस अवसर पर स्वास्थ्य केंद्रों व मंडलीय चिकित्सालय में पंजीकरण काउंटर लगाया जायेगा। पंजीकरण के बाद प्रत्येक लाभार्थी को परामर्श कक्ष में सलाह भी दिया जायेगा। इस अवसर पर लाभार्थी को लाने की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ता व आशा संगिनी को दी गई है। क्षेत्र में प्रचार-प्रसार कर लोगों को परिवार नियोजन अपनाने के प्रति विधिवत जानकारी दी जाएगी। अंतराल दिवस के दिन परिवार नियोजन में निभाएं जिम्मेदारी इसकी थीम रखी गई है। अंतराल दिवस को प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन को लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों व उपकेंद्रों पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है।

उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) के जिला फैमिली प्‍लानिंग एक्‍सपर्ट धर्मराज त्रिपाठी ने बताया कि कार्यक्रम में आशा एवं आशा संगिनियों द्वारा लाभार्थियों को जागरूक करते हुए शादी और पहले बच्चे व दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रखने का परामर्श दिया जायेगा। कार्यक्रम में आने वाले सभी लाभार्थियों को अंतरा, कंडोम व छाया आदि सेवाओं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका अदा करने वाले आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी। परिवार नियोजन की विभिन्न सुविधाओं को अपनाने से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में सुधार लाने में काफी मदद मिलेगी।

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