परमार्थ सेवा की लगी रही होड़, जगह-जगह सेवा भाव की दिखी झलक
श्री सेवा संस्थान ने निःशुल्क दवा वितरण किया तो पूर्व सभासद धर्मबीर दूबे ने पिलाएं भक्तो को फ्री में चाय
पंचकोसी परिक्रमा 7 को व पूर्णिमा स्नान 12 को, अबकी बार सुरक्षा है बहुत ही सख्त
वासुदेव यादव
अयोध्या। राम नगरी अयोध्या का कार्तिक परिक्रमा मेला मंगलवार की सुबह 6:05 से आरंभ हो गया। इस दौरान अयोध्या का 14 कोसी परिक्रमा विधि विधान पूर्वक आरंभ हुआ। इसमें शामिल होने हेतु पूर्वांचल के कई जनपदों व देश के कई प्रांतों से लाखों की संख्या में भक्तगण शामिल रहे। हालांकि 14 कोसी परिक्रमा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:05 था। लेकिन बहुत से परिक्रमा रथी और पहले से ही परिक्रमा शुरू कर दिए।
इस दौरान राम भक्तों ने कई जगहों से अपना परिक्रमा आरंभ किया और वहीं पर पहुंचकर अपने परिक्रमा का समापन भी किया। यह परिक्रमा पूरे अयोध्या क्षेत्र के 45 किलोमीटर में आता है।
इस दौरान भक्तगण सीताराम व जय श्री राम का जयकारा भी लगाते रहे। परिक्रमा के दौरान जगह-जगह सामाजिक कार्यकर्ता व कई स्वयंसेवी संगठन ने स्टाल लगाकर परिक्रमा रथियो का सेवा भाव किया।
अयोधया रामघाट चौराहा निकट श्री सेवा संस्थान के अध्यक्ष आसुतोशा नन्द त्रिपाठी महासचिव ओंकार नाथ पांडेय उपाध्यक्ष महन्त अवदेश दास सचिव बृजेंद्र श्रीवास्तव ने परिक्रमा रथियो को निशुल्क दवा वितरण कर परमार्थ सेवा की। इस सेवा शिविर का उद्घाटन श्री राम वल्लभा कुंज के अधिकारी राज कुमार दास ने फीता काटकर किया।
वहीं दूसरी ओर पूर्व सभासद धर्मबीर दुबे ने भी टी स्टाल लगाकर परिक्रमा में शामिल राम भक्तों की सेवा किया। यही नहीं पूरे परिक्रमा पथ पर जगह-जगह लोगों ने राम भक्तों की सेवा कर पुण्य कमाया। इस बार परिक्रमा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था काफी सुदृढ़ दिखी। जिला अधिकारी अनुज कुमार झा व एसएसपी आशीष तिवारी भी मेला क्षेत्र में सक्रिय दिखे।
यह 14 कोसी परिक्रमा 6 नवंबर को सुबह 7: 49 तक चलेगी। पंचकोशी परिक्रमा 7 नवंबर को सुबह आरंभ होगी। जबकि पूर्णिमा स्नान 12 नवंबर को होगा। अयोध्या कार्तिक परिक्रमा मेला के चलते लाखों की संख्या में श्रद्धालु गण अयोध्या पहुंचकर पुण्य लाभ कमा रहे हैं।
परिक्रमा आरंभ करने से पूर्व बहुत से राम भक्तों ने सरयू स्नान कर परिक्रमा आरंभ किया तो बहुत ने परिक्रमा समापन के उपरांत पुण्य स्नान दान कर अपना परिक्रमा पूर्ण किया।
इस दौरान भक्तों ने सरयू घाट पर स्नान दान कर अपना जीवन धन्य किया। 14 कोसी परिक्रमा पूर्ण करने के बाद बहुत से परिक्रमा रथी देर शाम अपने गंतव्य को रवाना हो गए। जबकि छोटी परिक्रमा पंचकोशी करने हेतु पूर्णिमा स्नान हेतु अभी भी लाखों की संख्या में भक्तगण अयोध्या में डेरा डाले हुए हैं।
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