अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। जिले में टीवी को जड़ से समाप्त करने के लिए जिला क्षय रोग विभाग एक बार फिर 10 से 23 अक्टूबर तक सघन टीवी रोगी खोज अभियान चलाने जा रहा है। अभियान में जिले की आबादी का 10 प्रतिशत 2 लाख 34 हजार 500 लोगों की जांच टीमों द्वारा की जाएगी। अभियान के दौरान गठित टीमें घर-घर जाकर टीवी मरीज की खोज करेंगीं और लोगों को टीबी मुक्त जिला बनाने के लिए जागरूक भी करेंगीं।
बुधवार को जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सजीवन लाल ने बताया कि 2025 तक जिले को टीवी से मुक्त करने के लिए आगामी 10 से 23 अक्टूबर तक सघन टीवी रोगी खोज अभियान चलाया जा रहा है जिसमें शहरी व देहात क्षेत्र के 2 लाख 34 हजार 500 लोगों की जांच पड़ताल की जाएगी। संदिग्ध मरीज की जांच के दौरन टीवी की पुष्टि होने पर उसका तत्काल इलाज आरंभ कर दिया जाएगा। उन्होने बताया कि टीबी का इलाज पूरी तरह से निःशुल्क है। टीवी पूरे भारत के लिए एक जटिल समस्या बनी हुई है, इसका सबसे बड़ा कारण लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरूक ना होना है। अगर लोग इस बीमारी के प्रति जागरूक हो गए तो देश से टीवी को समाप्त होने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने बताया विभाग की ओर से चलाए जा रहे एसीएफ के तहत अब तक 364 मरीजों का पता चला है जिनका उपचार कराया जा रहा है। प्राइवेट अस्पतालों में जनवरी 2019 से अब तक करीब 18 मरीज का निःशुल्क उपचार किया जा चुका है। उन्होंने बताया लोगों को इलाज के दौरान तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट आदि नशीले पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए।
89 टीमें घर घर देंगी दस्तक
इस बार चलाए जाने वाले सघन अभियान में 18 सेक्टरों में 89 टीमों का गठन किया गया है। प्रत्येक टीमें अभियान के 14 दिनों में करीब 600 घरों में दस्तक देंगी। टीमें घर घर जाकर परिवार के हर सदस्य से बात करेंगी। पहले टीमें केवल घर के मुखिया से ही बात करती थी लेकिन इस बार घर के हर सदस्य से बात करेंगे जिससे कोई भी चूक ना रह जाए।
जिले में ये है टीबी सेंसटिव जोन
जिला क्षय रोग विभाग की मानें तो टीवी के सबसे ज्यादा रोगी सदर नगर पालिका क्षेत्र के खलवा, बलुहा, विशुनीपुर, विशुनापुर अचलापुर, गदुरहवा, नई बस्ती, गोविंदबाग, सदर ब्लाक के कटरा शंकरनगर, नंदनगर, नरायनपुर, उतरौला के गांधीनगर, रफीनगर, पेहर बाजार, कड़सरा, अल्लीपुर, बनगवां, पचपेड़वा के विशुनपुर विश्राम, विशुनपुर टंटनवा, पुरानी बाजार, महाराजगंज के पाटेश्वरी नगर, गैसड़ी के साथी, रेहरा के किशुनपुर ग्रंट में मिल रहे हैं।
-एक से एक दर्जन बनते है टीबी के मरीज
जिला क्षय रोग कार्यालय में आयोजित अभियान के प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षक अविनाश विक्रम सिंह, अजीत चैहान व सूर्यमणि त्रिपाठी ने प्रशिक्षुओं को बताया कि टीवी के एक मरीज से 10 से 12 लोगों को संक्रमण का खतरा बना रहता है। टीवी की पहचान होने पर मरीज का उपचार तत्काल शुरू किया जाए जिससे संक्रमण अन्य लोगों में ना फैले। टीवी की खोज अभियान में विभाग की ओर से बनाई गई 89 टीमों के लक्ष्य का निर्धारण कर दिया गया है। प्रत्येक टीम रोजाना 50 से 60 घरों का भ्रमण करेगी। टीमें इस बात की जानकारी जुटाएंगी कि घर में किसी को 15 दिन से बुखार, खांसी तो नहीं है। बलगम में खून तो नहीं आ रहा है या मरीज का वजन तो कम नहीं हो रहा है। अगर ऐसा होगा तो टीम के सदस्य संबंधित व्यक्ति के बलगम का सैंपल लेकर उसकी जांच कराएगें। अगर जांच में टीवी के लक्षण दिखाई देंगे तो उसका तत्काल उपचार किया जाएगा। 4 दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान 270 आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री व एनजीओ वर्कर को प्रशिक्षित किया जा चुका है। प्रशिक्षण के दौरान सुमित साहू, गणेश चैरसिया, शुभांकर सिंह सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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