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राम राज्य में किसी के साथ भेदभाव नही :योगी आदित्य नाथ


अमरजीत सिंह ( ब्यरो)
अयोध्या। दीपोत्सव पर रामकथा पार्क के मंच से मुूख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले की सरकारें अयोध्या के नाम से डरती थी। आना नहीं चाहती थी। डेढ़ दर्जन बार आने के साथ हमनें हर बार करोड़ों की योजनाएं भी अयोध्या को प्रदान की। राम की पैड़ी पर आप हर की पैड़ी की तरह स्नान कर सकते है। वर्तमान में आर्शीवाद देने के लिए माता सरयू भी घाटों पर वापस आ गयी है। यह अच्छा संयोग है। 
उन्होने कहा कि देश में सबसे बड़ा सांस्कृतिक परिवेश हमारे पास है। भारत की सांस्कृतिक विरासत को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया के समक्ष रखा। इसको जागृत होने में लगभग 67 से 70 वर्ष आजादी के बाद लगे। आज पूरी दुनिया भारत के इस सांस्कृतिक गौरव का आभास कर रही है। गौरव का आभाष दीपोत्सव, काशी के भौतिक व अध्यात्मिक उन्नयन के लिए किये गये कार्य, प्रयागराज का कुम्भ व योग की विरासत की दुनिया को भारत की परम्परा के प्रसार के रुप में होता है। इसको पूरी दुनिया में स्थापित करने पर हमें सफलता हासिल हुई है। 
उन्होने कहा कि राम की परम्परा पर हम सबको गौरव की अनुभूति होती है। जब हम अयोध्या की बात करते है तो रामराज्य हमारे मस्तिष्क मे आता है। रामराज्य में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होता। तीनों प्रकार के दुखों के लिए कोई जगह नहीं होती। रामराज्य की इसी अवधारणा को सरकार ने साबित करने के साथ एक सांस्कृतिक स्वरुप में स्थापित किया। बिनाभेदभाव के सरकार की योजनाओ को एक एक व्यक्ति तक पहुंचाया गया। 
उन्होने कहा कि आज भारत किसी को छेड़ता नहीं है और अगर कोई छेड़ता है तो उसे छोड़ता नहीं। आज हमने दुनिया को ऋषि परम्परा को दिया। वसुधैव कुटुम्बकम के भाव अंगीकार किया। पूरी दुनिया को कुटुम्ब माना। किसी ने हमारे स्वाभिमान को ललकारने का प्रयास तो फिर उसके मांद में घुसकर उसको मुहतोड़ जवाब दिया। आज भारत फिर से विश्वगुरु के रुप में स्थापित हो रहा है। भगवान राम के रामराज्य की यहीं परिकल्पना है। योगी ने कहा: पिछली सरकारें डरती थी अयोध्या के नाम से, हम यहां डेढ़ दर्जन बार आये ।

बिना भेदभाव के योजनाओं का लाभ देने की जानकारी देते हुए कहा कि यह है रामराज्य की परम्परा 
 
दीपोत्सव पर रामकथा पार्क के मंच से मुूख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले की सरकारें अयोध्या के नाम से डरती थी। आना नहीं चाहती थी। डेढ़ दर्जन बार आने के साथ हमनें हर बार करोड़ों की योजनाएं भी अयोध्या को प्रदान की। राम की पैड़ी पर आप हर की पैड़ी की तरह स्नान कर सकते है। वर्तमान में आर्शीवाद देने के लिए माता सरयू भी घाटों पर वापस आ गयी है। यह अच्छा संयोग है। 
उन्होने कहा कि देश में सबसे बड़ा सांस्कृतिक परिवेश हमारे पास है। भारत की सांस्कृतिक विरासत को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया के समक्ष रखा। इसको जागृत होने में लगभग 67 से 70 वर्ष आजादी के बाद लगे। आज पूरी दुनिया भारत के इस सांस्कृतिक गौरव का आभास कर रही है। गौरव का आभाष दीपोत्सव, काशी के भौतिक व अध्यात्मिक उन्नयन के लिए किये गये कार्य, प्रयागराज का कुम्भ व योग की विरासत की दुनिया को भारत की परम्परा के प्रसार के रुप में होता है। इसको पूरी दुनिया में स्थापित करने पर हमें सफलता हासिल हुई है। 
उन्होने कहा कि राम की परम्परा पर हम सबको गौरव की अनुभूति होती है। जब हम अयोध्या की बात करते है तो रामराज्य हमारे मस्तिष्क मे आता है। रामराज्य में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होता। तीनों प्रकार के दुखों के लिए कोई जगह नहीं होती। रामराज्य की इसी अवधारणा को सरकार ने साबित करने के साथ एक सांस्कृतिक स्वरुप में स्थापित किया। बिनाभेदभाव के सरकार की योजनाओ को एक एक व्यक्ति तक पहुंचाया गया। 
उन्होने कहा कि आज भारत किसी को छेड़ता नहीं है और अगर कोई छेड़ता है तो उसे छोड़ता नहीं। आज हमने दुनिया को ऋषि परम्परा को दिया। वसुधैव कुटुम्बकम के भाव अंगीकार किया। पूरी दुनिया को कुटुम्ब माना। किसी ने हमारे स्वाभिमान को ललकारने का प्रयास तो फिर उसके मांद में घुसकर उसको मुहतोड़ जवाब दिया। आज भारत फिर से विश्वगुरु के रुप में स्थापित हो रहा है। भगवान राम के रामराज्य की यहीं परिकल्पना है।

फिजी की डिप्टी स्पीकर ने शोभायात्रा किया रवाना

दीपोत्सव के मुख्य अतिथि फिजी की डिप्टी स्पीकर ने शोभायात्रा रवाना की ।दीपोत्सव में अयोध्या में राम के जीवन वृतांत को दर्शाती 11 झाकियों की शोभायात्रा निकाली गईं। इसमें लंका विजय कर लौटे श्रीराम की वापसी का दृश्य दिखाया गया। शोभायात्रा को फिजी की डिप्टी स्पीकर वीना कुमार भटनागर ने हरी झंडी दिखाई। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वीणा भटनागर ने मुख्य अतिथि के रूप में दीपोत्सव की छटा को बढ़ाया है।

शोभा यात्रा में रामायण के प्रसंगों के सजीव चित्रण ने अयोध्या में बनाया त्रेतायुग कालीन परिवेश
साकेत महाविद्यालय से राम कथा पार्क के लिए निकली शोभायात्रा जगह-जगह पुष्प वर्षा करके हुआ स्वागत

रामायण के प्रसंग का सजीव मंचन करते कलाकारों व विभिन्न शैली में हो रहे नृत्य ने बनाया अयोध्या में मनोहारी वातावरण

अयोध्या । राम नगरी अयोध्या को त्रेतायुग कालीन परिवेश में बदलने  के प्रयास को धरातल पर चित्रित करती साकेत महाविद्यालय से निकली झांकियां। झांकियों में बने रथ से रामायण के विभिन्न प्रसंगों का भावुक प्रदर्शन व रथ के पीछे लोक नृत्य का मनोहारी दृश्य। सड़क पर झांकियों के दर्शन के लिए खड़ा प्रत्येक व्यक्ति स्मृतियों को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद करता नजर आया । साकेत महाविद्यालय से नियत समय पर राम कथा पार्क के लिए झांकियां निकली।
     झांकियों में सबसे पहले भारतीय नाट्य शैली कि सजीव प्रस्तुति कलाकार कर रहे थे। भगवान के विभिन्न स्वरूपों के आकर्षक प्रतिरूप इनके पीछे चल रहे थे । सबसे पहले पुत्रेष्ठि यज्ञ फिर रावण अत्याचार , केवट प्रसंग, पंचवटी, अहिल्या उद्धार, सीता हरण, ताड़का वध, रामेश्वर सेतु, राम वन गमन, राम रावण युद्ध की झांकियां चल रही थी सबसे अंत में राम दरबार का मंचन रथ पर हो रहा था।

अवध विश्वविद्यालय ने पिछला रिकॉर्ड तोड़ा 

राम की पैड़ी पर दीप जलाने को लेकर वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ दिया। अवध विश्वविद्यालय ने पिछला अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए।और 4 लाख 10 हज़ार दीए जलाकर अपना पिछला रिकॉर्ड तोड दिया बता दे कि पिछली बार 3 लाख 21 हजार दिये जला कर   गिनीच बुक आफ रिकॉर्ड की बनाया था । सीएम योगी ने सभी को बधाई दी और वर्ड रिकार्ड बनने की अवध विश्वविद्यालय को बधाई दी।

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