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एपीएनपीजी कालेज के पूर्व अध्यक्ष कबीर तिवारी हत्या कांड के मुख्य आरोपी ग्रिफ्तार


सुनील उपाध्याय 
बस्ती। बहुचर्चित एपीएनपीजी कालेज के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता कबीर तिवारी हत्या कांड में मुख्य अभियुक्तों को गिरफ्तार करते हुए हत्या के उद्देश्य का खुलासा किया गया। प्रेस को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने वर्चस्व के लिए हत्या होने को कारण बताया। दरअसल बीजेपी नेता कबीर तिवारी और भाजयुमो के जिला मंत्री अभिजीत सिंह खुद को जिले में युवाओं का बड़े नेता के रूप में स्थापित करना चाहते थे और वह इसके लिए लगातार एक दूसरे को नीचा दिखाने का प्रयास भी करते, जब अभिजीत अपने प्रतिद्वंदी कबीर के आगे खुद को नीचा समझने लगा तो उसने एक खौफनाक साजिश रची, दो पढ़ने वाले युवा लड़को को मोटिवेट किया कि तुम लोग को नाम कमाना है तो कबीर की हत्या कर दो, फिर क्या था 17000 में 3 असलहे खरीदे गए और अनुराग व अभय को असलहों की ट्रेनिंग दी गयी फिर 9 अक्टूबर को हत्याकांड को अंजाम दे 
दिया गया।

पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने बताया कि हत्या में शामिल अनुराग तिवारी और अभय तिवारी को मौके से गिरफ्तार किया गया, विवेचना में मन्नू पांडेय उर्फ प्रशांत को एक असलहा और चार कारतूस के साथ नगर थाना क्षेत्र के मदारपुर बंधे से गिरफ्तार किया, जबकि बीजेपी युवा मोर्चा के जिला मंत्री व मुख्य साजिशकर्ता अभिजीत सिंह को एसटीएफ ने पकड़ा और आज जेल भेज दिया, मृतक के पिता की दी हुई तहरीर में कुल 08 नामजद व दो अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 147,148,302 में अभियोग पंजीकृत कराया गया था।  मौके से पकड़े गए अभय व अनुराग को धारा 3/25आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ।

पुलिस के अनुसार घटना के उद्देश्य स्पष्ट नही हो पाया था दौरान विवेचना गवाहो के बयानो और सीसीटीवी फुटेज व वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर स्पष्ट हुआ की उक्त घटना को कारित करने वालो में तीन अभियुक्त अभिजीत सिंह, मन्नू उर्फ प्रशान्त पाण्डेय , नवरतन उर्फ भोलू गुप्ता पुत्र स्व0 केसरीलाल गुप्ता सा0 चईयाबारी थाना कोतवाली की संलिप्तता पायी गयी, विवेचना में स्पष्ट हुआ की भोलू गुप्ता ने अभियुक्तगणो से पैसे लेकर असलहा उपलब्ध कराया था और अभिजीत सिहं ने आदित्य नारायण तिवारी उर्फ कबीर तिवारी के समाज मे वर्चस्व को समाप्त करने व अपना वर्चस्व बनाने के उद्देश्य से अनुराग तिवारी, अभय तिवारी, मन्नू पाण्डेय, भोलू गुप्ता के साथ साजिश करके उक्त हत्या की घटना को कारित करवाया । घटना के समय भी अभिजीत व मन्नू घटना स्थल के आसपास  मौजुद थे और हत्या करने वाले साथी अभियुक्तो को बचाने के लिए अपनी गाडी टाटा टेगोर कार न0 UP 32 KC 4777 लेकर तैयार थे । घटना के समय अनुराग व अभय को पकडे जाने के बाद मन्नू पाण्डेय के साथ उक्त गाडी से फरार हो गये, घटना के पहले व घटना के बाद अभिजीत व मन्नू पाण्डेय व अन्य अभियुक्तगणो की लगातार आपस में बात हो रही थी, मन्नू पाण्डेय बराबर अभिजीत को आदित्य नारायण तिवारी उर्फ कबीर तिवारी की लोकेशन की सूचना देता रहा और जैसे ही कबीर तिवारी रंजीत चौराहा के पास पहुचा कि अनुराग तिवारी, अभय तिवारी द्वारा आदित्य नारायण तिवारी उर्फ कबीर तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी, अभिजीत व मन्नू की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक बस्ती द्वारा दोनों आरोपियों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया था।
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