आईएफडब्लूजे के प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री से मिलकर पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं को बताया लोकतंत्र के लिए खतरा
ए. आर. उस्मानीलखनऊ। उत्तर प्रदेश के पत्रकारों को शीघ्र कानूनी सुरक्षा प्राप्त होगी। महाराष्ट्र विधान मंडल द्वारा पारित मीडिया कर्मी सुरक्षा कानून की तर्ज पर राज्य सरकार ऐसे प्रारूप पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्टस की उत्तर प्रदेश इकाई के ज्ञापन पर यह आश्वासन दिया है।
प्रदेश अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से उनके 5, कालिदास मार्ग स्थित आवासीय कार्यालय पर मिले प्रतिनिधि मंडल के अन्य सदस्यों में इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. विक्रम राव, राष्ट्रीय सचिव संतोष चतुर्वेदी (मथुरा), लखनऊ मंडल के अध्यक्ष शिव शरण सिंह एवं कार्यकारिणी सदस्य हिमांशु दीक्षित थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकार संगठनों से अपील भी की कि वे फर्जी पत्रकारों और व्यवसाय का दुरूपयोग करने वालों के कारनामो को उजागर करें। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे सूचना विभाग को निर्दिष्ट करें कि वह इस किस्म के संदिग्ध पत्रकारों की मान्यता निरस्त करे। योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों के आवास एव पेंशन सम्बन्धी प्रश्नों पर सहानभूति पूर्वक विचार करने का वादा किया है। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को एसजीपीजीआई एव अन्य संस्थानों में चिकित्सा सुविधा एवं पत्रकारों के बीमे सम्बन्धी विषयों पर जल्द ही बड़ा निर्णय करने का आश्वासन दिया।
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