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कृषि में यंत्रीकरण से ही किसानों की उन्नति संभव : उप निदेशक कृषि


बस्ती/ किसान खेती में उन्नत कृषि यंत्रों को अपना कर न केवल खेती से जुड़े काम को आसान कर सकते हैं बल्कि इसके जरिये श्रम और जोखिम में भी कमी लाई जा सकती है। खेती में फसल अवशेष प्रबंधन में भी कई यंत्र कारगर साबित हो रहें हैं। कृषि विभाग फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए किसान समूहों और किसानों की कंपनियों को अनुदान उपलब्ध करा कर मशीनीकरण को बढ़ावा देनें का काम कर रही है। यह बातें जनपद के किसानों द्वारा गठित सिद्धार्थ एफपीओ द्वारा बनकटी ब्लाक के थरौली गाँव में स्थापित फार्म मशीनरी बैंक के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि उप निदेशक कृषि डॉ0 संजय कुमार त्रिपाठी ने किसानों से अपील की वे लोग खेतो पराली न जलाए अगर किसी गाँव मे पराली जलाई जाती है तो इसके लिए उक्त गांव के लेखपाल जिम्मेदार होंगे व पराली जलाने वाले किसान पर एक एकड़ पर पन्द्रह हजार तक जुर्माना व कारावास की सजा कभी प्रवधान है जिसकी निगरानी भारत सरकार सेटलाइट के माध्यम से कर रही है । इस लिए मेरा सभी किसान भाइयों से आग्रह है की वे खेतो में फसलों के अवशेष न जला कर देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाए । उन्होंने अपने संबोधन में कहा की जनपद में प्रमोशन ऑफ़ एग्रीकल्चर मेकेनाईजेशन  फॉर इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ़ क्राप रेजिड्यु  एवं सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर  मेकेनाईजेशन योजना के तहत जनपद में 18 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना प्रगति पर है। जिसके स्थापना पर सरकार 80 प्रतिशत का अनुदान एन0आर0एल0एम0 के महिला समूहों और एफपीओ को उपलब्ध करा रही है। यह फार्म मशीन बैंक भी उसी का हिस्सा है। इसके जरिये फसल अवशेष जलाने पर भी रोक लगेगी। 
जिला कृषि अधिकारी संजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा की किसान खुद की कंपनी बना कर खाद-बीज उर्वरक और मार्केटिंग जैसे समस्याओं से निजात पा सकते हैं। बस्ती जनपद के किसानों ने अपनी खुद की कंपनी बना कर दूसरे किसानों को भी आगे बढ़ने की दिशा दी है। 
कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ राघवेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा की आने वाले दिनों में एफपीओ किसानों की आवश्यकता बन जायेगी इस लिए और भी किसानों को एफपीओ गठन करना होगा।
कंपनी के निदेशक राममूर्ति मिश्रा ने कहा की इस फार्म मशीनरी बैंक के जरिये किसानों को न्यूनतम किराए पर यंत्र उपलब्ध कराए जा रहें है। साथ ही भारत सरकार के हरित विकास प्राधिकरण के दिशा निर्देशों के अनुसार कटाई उपरान्त फसल अवशेष जलाने पर रोक लगाए जाने हेतु स्ट्रा चापर,  जीरो ट्रिल सीड ड्रिल, आर एम बी प्लाऊ जैसे तमाम यंत्र कम रेट पर किसानों को उपलब्ध होंगें। जिससे भूमि की मिटटी और पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्परिणाम पर भी रोक लगेगी । 
सी ए अजित कुमार चौधरी ने कहा की हमारा प्रयास है की जनपद के अधिक से अधिक किसान एफ पी ओ का गढ़न कर के अपने उत्पादों की स्वयं मार्केटिंग करे जिससे उन्हें ज्यादा से ज्यादा लाभ प्रप्त हो सके । इस अवसर पर समाजसेवी अखिलेश दुबे ने कहा की सरकार व कृषिविभाग की इन योजनाओं से किसान की लागत कम होगी वही बेहतर तकनीक के प्रयोग से इनकी उपज में भी बृद्धि होगी । 
कार्यक्रम में उपसंभागीय कृषि प्रसार अधिकारी हरेन्द्र प्रसाद , कनिष्ठ सहायक संकट हरण पाण्डेय, अमित कुमार , अनिल कुमार गुप्ता , विशाल पाण्डेय राम मनोहर चौधरी, सचिन्द्र शुक्ल , प्रमोद चौधरी ,के साथ ही कंपनी के निदेशक मंडल में विजेंद्र बहादुर पाल , राजेन्द्र सिंह, आज्ञा राम वर्मा , शिवराम गुप्ता , बृहस्पति कुमार पाण्डेय,  योगेन्द्र सिंह , ने भी अपने विचार रखे।इस अवसर पर सैकड़ों किसान उपस्थिति रहे जिन्हें कृषि महकमें के अधिकारियों ने कृषि में अनुदान योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन भृगुनाथ त्रिपाठी पंकज ने किया।

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