अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर।। जिले की बड़ी इमारतों के बाहर उसका नक्शा लगाना होगा। ऐसे होमगार्ड जो तैराकी में महारत रखते हैं उनकी पहचान कर उन्हें गोताखोरी का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। विद्यालयों में कार्यरत कम से कम एक शिक्षक अथवा कर्मी को आपदा प्रबंधन के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। ऐसे कुछ निर्णय शुक्रवार देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में लिए गए हैं।
जानकारी के अनुसार बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीएम जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरूण कुमार शुक्ल ने कहा कि आपदा जोखिम को कम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन सलाहकार सचिन मदान ने सुझाव दिया कि सभी विद्यालयों में आपदा प्रबंधन समिति का गठन होना चाहिए। विद्यालय के एक शिक्षक अथवा कर्मी को आपदा प्रबंधन मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जा सकता है। कुशल तैराक होमगार्डों की पहचान कर उन्हें गोताखोरी का प्रशिक्षण दिलाने का सुझाव भी आपदा प्रबंधन सलाहकार ने दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा आयोजित होने वाली कार्यशालाओं व प्रशिक्षण में आपदा प्रबंधन से सम्बंधित सत्र भी आयोजित किए जा सकते हैं। अग्निकांड व भूकम्प जैसी आपदाओं में बड़ी इमारतों में लोग फंस जाते हैं। सहायता दल को इमारतों के नक्शे की पूरी जानकारी न होने के कारण सहायता पहुंचाने में देरी होती है। ऐसी इमारतें जहां भारी संख्या में लोगों का आना जाना होता है उनके बाहर इमारत का पूरा नक्शा लगाया जाना चाहिए। सुझावों पर सहमति जताते हुए अपर जिलाधिकारी अरूण कुमार शुक्ल ने सम्बंधित को निर्देश जारी करने की बात कही। एसडीएम सदर नागेन्द्र यादव ने सर्पदंश के बाद चिकित्सकों द्वारा स्पष्ट रिपोर्ट न लगाए जाने का मुद्दा उठाया। जिस पर एडीएम ने विभागीय अधिकारी को निर्देशित किया कि इस सम्बंध में सभी चिकित्सकों को जानकारी दी जाए कि यदि मामला सर्पदंश से मौत का है तो स्पष्ट रिपोर्ट दें। एडीएम श्री शुक्ल ने कहा कि आपदा प्रबंधन से सम्बंधित मामलों में सभी विभाग समन्वय स्थापित करके काम करें। आपदा की स्थिति में रिपोर्ट लगाते समय संवेदनशील होकर कर्मी काम करें। उन्होंने वहां मौजूद विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार से बिजली के टेढ़े खम्भों को ठीक कराने की बात कही। बैठक में डीआईओएस महेन्द्र कुमार कनौजिया, जिला कृषि अधिकारी मंजीत कुमार, डॉ. एके पाण्डेय, एसडीएम सदर नागेन्द्र नाथ यादव, उतरौला एसडीएम अरूण कुमार गौड़, तुलसीपुर एसडीएम विनोद कुमार, एएसडीएम नवीन श्रीवास्तव, अजीत कुमार जायसवाल तहसीलदार सदर रोहित कुमार मौर्य, तुलसीपुर तहसीलदार शेख आलमगीर, उतरौला तहसीलदार नरेन्द्र राम, रवि शुक्ला, प्रवीन पाण्डेय आदि मौजूद थे।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ