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आगामी 10 अक्टूबर से घर घर जाकर खोजे जाएंगे टीबी के मरीज


■ 80 टीमें करेगी टीबी के मरीजों की खोज
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। खलीलाबाद ब्‍लाक क्षेत्र के एक गांव के 40 वर्षीय शोभी ( काल्‍पनि‍क नाम) को टीबी थी। लेकिन उसे इस बात का पता नहीं था। पिछले साल जब सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान चला तो खोजी अभियान में जुटी टीम ने लक्षणों को देखते हुए उसकी जांच कराई। बाद में उनके अन्‍दर टीबी की पुष्टि हुई। इसके बाद उनका इलाज हुआ। 6 माह के इलाज के बाद अब वह पूरी तरह से स्‍वस्‍थ हैं।
केन्‍द्र सरकार के 2025 तक टी. बी. को जड़ से समाप्‍त करने के अभियान के तहत जिले में सक्रिय टी. बी. खोज अभियान चलाया जाएगा। आगामी 10 अक्‍टूबर से लेकर 23 अक्‍टूबर तक चलाए जा रहे इस अभियान के तहत कुल दो लाख व्‍यक्तियों से सम्‍पर्क करके उनमें से टी. बी. के मरीजों को चिन्हित करके उनको बेहतर इलाज प्रदान करने की व्‍यवस्‍था की गई है। इस अभियान को पूरा करने के लिए आवश्‍यक कार्ययोजना बनाई जा रही है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस. डी. ओझा ने बताया कि जिले में सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान का इस सत्र का यह दूसरा चरण है। इस चरण में कुल दो लाख की जनसंख्‍या को कवर करते हुए मरीजों को खोजने के लिए टीमें लगाई जाएंगी। ये टीमें उन क्षेत्रों में नहीं जाएंगी, जहां पर अभियान पहले से ही चल चुका है। टीमों को प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही सभी टीमों में लीडरों की तैनाती की जाएगी। प्रशिक्षणोपरान्‍त इन टीमों को आगामी 10 अक्‍टूबर से कार्य पर लगाया जाएगा ।
जिला कार्यक्रम समन्‍वयक अमित आनन्‍द ने बताया कि जिला क्षय रोग विभाग के द्वारा टीबी को जड़ से समाप्‍त करने के लिए चलाए जा रहे प्रत्येक अभियान से बेहतर इस अभियान की प्रगति रहती है। हम इस अभियान के तहत टीबी के वाहकों को मुख्‍य धारा से जोड़कर उनका उपचार करते हैं, ताकि इसका विस्‍तार न हो सके।

अब तक 145 मरीज हुए है चिन्हित

इस अभियान के अभी तक कुल 5 चरण चलाए जा चुके हैं। इस अभियान में कुल 10 लाख जनसंख्‍या को कवर किया गया। जिसमें से कुल 145 मरीज चिन्हित किए गए हैं। इन्‍हें आवश्‍यक दवाएं दी जा रही हैं। साथ ही साथ 500 रुपए मासिक पोषण भत्‍ता भी उनके खाते में पहुंचाया जा रहा है।


‘‘ सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान निरन्‍तर चलाया जाता है। इस सत्र का यह दूसरा अभियान होगा, जिसमें दो लाख की जनसंख्‍या को कवर किया जाएगा। अभियान को मूर्त रुप देने के लिए माइक्रोप्‍लान तैयार हो चुका है। इसके लिए 80 टीमें बनाई गई हैं जो घर घर जाकर टीबी के मरीजों की खोज करेंगी।

डॉ एस डी ओझा
जिला क्षय रोग अधिकारी

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