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जांच की आँच में टूट रही है पीड़ित की आस



■ विगत माह प्रभारी मंत्री द्वारा जाच कर कार्यकही के आदेश को ठेंगा दिखा रहे जिम्मेदार

आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। धोखाधड़ी से हुई तीन धूर के बदले तीन बीघा जमीन के बैनामा प्रकरण मे तिलिस्म होने की बात सामने आ रही है जो अधिकारी जांच कर रहे है वे सम्बन्धित मामले मे जानकारी देने से जहां कतरा रहे है वही कह रहे है कि उप निबंधक के पीछे आप लोग क्यो पड़े हुए है । बताते चले कि बहु चर्चित राम प्यारे मौर्या का प्रकरण दिनो दिन उलझता नजर आ रहा है मामला तीन धूर बनाम उनतिस बिस्वा का है जिसमे हेराफेरी मे पारांगत क्रेता अनिल मिश्रा का सहयोगी मध्यस्थता करने वाला गवाह समेत दो अन्य लोगो को बढ़ते राजनैतिक दबाव को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा जेल भेजते हुए प्रभारी मंत्री रविन्द्र जायसवाल के निर्देश पर जांच कमेटी बैठा तो दी गयी लेकिन इससे राम प्यारे मौर्या को कोई न्याय मिलने वाला नही है । इस सम्बन्ध मे जांच कर रहे विभागीय अधिकारी सहायक महानिरीक्षक निबंधन (ए आई जी )का कहना है प्रकरण मे जो आख्या हमसे मांगी गयी थी वह हम दे चुके है अब मामला मेरे हाथ मे नही है । वही ग्यारह बिंदुओ पर जांच कर रहे इंस्पेक्टर कोतवाली अजय कुमार सिंह का कहना है कि मेरे द्वारा ग्यारह बिन्दुओ पर जांच चल रही है जिसका खुलासा जांचोपरान्त ही कर पाऊंगा क्यो कि जांच , जांच होती है अभी हम क्या बताये । इस तरह माननीय मंत्री प्रभारी नोडल अधिकारी रविन्द्र कुमार जायसवाल के निर्देश को भी नजरंदाज करते हुए कही न कही प्रकरण मे संलिप्त लोगो को बचाने का प्रयास किया जा रहा है भले ही वादी मुकदमा राम प्यारे मौर्या को न्याय न मिले ? और राम को प्यारे न हो जाय, कुल मिलाकर जांच अधिकारी से लेकर न्यायिक प्रक्रिया तक राम प्यारे को बतौर न्याय मिलने की आस लम्बी होती दिखायी दे रही है ।

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