■ बेलहर क्षेत्र में बेकार साबित हो रहा है गौआश्रय
बनारसी चौधरी
बेलहर,संतकबीरनगर। बेलहर क्षेत्र में छुट्टा पशुओं के लिए सात अस्थाई पशु आश्रय स्थल संचालित हैं। जिसमें सरकारी आंकडों के अनुसार 89 पशु ही हैं। हालांकि क्षेत्र में अभी भी तीन सौ से अधिक आवारा मवेशी घूम रहें हैं। क्षेत्र में पशु आश्रय स्थलों का आलम यह है कि उसमें क्षमता के अनुसार पशु नजर नही आते हैं।
बेलहर क्षेत्र में छुट्टा पशुओं को आश्रय स्थल में रखने का अभियान फ्लाप साबित हो रहा है। क्षेत्र में सात पशु आश्रय केन्द्र के संचालन के बावजूद अब भी सैकडो की संख्या में पशु इधर-उधर घूम कर किसानों की गाढी कमाई को नष्ट कर रहें हैं। इतना ही नही रात के समय में नन्दौर से रूधौली मार्ग पर इन पशुओं का कब्जा रहता है। क्षेत्र के गोशालाओं में क्षमता के अनुसार पशु भी नही हैं। क्षेत्र में निर्मित आश्रय केन्द्रों का निर्माण मनरेगा और राज्यवृत्त से लाखों रूपए खर्च कर किया गया पर उसका लाभ क्षेत्र के किसानों को नही मिल पा रहा है। छुट्टा जानवरों से किसान ही नही आम जनमानस भी परेशान है फिर भी इस ओर ब्लाक के जिम्मेदारों की नजर नही पड रही है। इस जानवरों द्वारा सिर्फ किसानों का नुकसान नही हो रहा है बल्कि रात में यात्रा करने वाले लोगों को भी काफी मशक्कत करनी पड रही है। नन्दौर से रूधौली मार्ग पर रात के समय इन पशुओं का जमावडा लगा रहता है।
आखिर कहां गए किसानों द्वारा बांधे जानवर ?
बेलहर क्षेत्र में किसानों द्वारा सितम्बर माह छुट्टा पशुओं को पकड कर सरकारी संस्थानों में बंद करने का कार्य शुरू किया गया था। सबसे पहले 19 सितम्बर को बेलहर के ग्रामीणों द्वारा ब्लाक मुख्यालय में लगभग 5 दर्जन से अधिक पशुओं को बंद किया गया था। 28 अगस्त को प्राथमिक विद्यालय अमरडोभा लगभग सौ पशुओं को बंद किया गया था जिससे लगभग तीन दिनों तक विद्यालय भी बंद रहा इसके बाद प्राथमिक विद्यालय दासडीह मे 12 पशु और फिर बेलहर में 62 पशु तथा एक सप्ताह पूर्व सुरसा चमनजोत जंगल में सैकडों पशुओं को ग्रामीणों द्वारा एकत्रित कर बांधा गया था। जिले के अधिकारियों के निर्देश पर ब्लाक के अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा इन पशुओं को कहां शिप्ट किया गया यह किसी को नही मालूम है। पशुओं को दूसरी जगहों पर छोडने में ग्रामीणों ने भी सहयोग किया। कुछ ग्रामीणों की माने तो अधिकारियों और कर्मचारियों के निर्देश पर इन पशुओं को राष्ट्रीय राजमार्ग, मेहदावल तथा सेमरियांवा सहित पचपोखरी क्षेत्र में फिर खुला ही छोड दिया गया था सिर्फ नाम मात्र जानवरों को एकाध आश्रय केन्द्र पर छोडा गया था। इससे यह साबित होता है कि बेलहर के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी को दूसरे के ऊपर डाल कर भाग रहे हैं। क्षेत्र में अब भी छुट्टा जानवरों की भरमार है।
बेलहर में मौजूद आश्रयस्थल
बेलहर क्षेत्र मे स्थित आश्रय स्थल कैथवलिया में 16, भेलाखर्ग खुर्द में 11, लोहरौली में 16,भगौसा में 17, औरहिया मंझरिया में 12 , सोनौरा में 17 तथा बभनी अभी निर्माणाधीन है। इससे तीन गुना अधिक जानवर अभी भी क्षेत्र में छुट्टा घूम रहें हैं। अधिकतर आश्रय केन्द्रों में सिर्फ छोटे पशु को ही रखा गया है।
"जो भी छुट्टा जानवर अभी बचे हैं उन्हें पकडवाया जाएगा। ग्रामीणों द्वारा एकत्रित पशुओं को बौधरा में छोडा गया है।"
महाबीर सिंह
खंड विकास अधिकारी
बेलहरकलां, संतकबीरनगर
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