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43 वर्ष बाद अभिलेखों में फिर हुई जिंदा–सूका देवी


■ बेलहर ब्लाक के ग्राम पंचायत बेलहर कला का मामला,पंचायत कर्मियों द्वारा कर दिया गया था मृत

बनारसी चौधरी
बेलहर/संतकबीर नगर।विकास खण्ड बेलहर के बेलहर कलाँ गाँव निवासी 75 वर्षीय सूका उर्फ सुखराजी को
परिवार रजिस्टर में संबंधित कर्मियों द्वारा कुछ दिनों 8पहले मृतक दिखाए जाने का सनसनी ख़ेज़ मामला प्रकाश में आया था।मामला संज्ञान में आते ही महिला के परिजनों ने विरोध जताया और इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से किया।इसे लेकर पीड़ित परिवार जिलाधिकारी समेत मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंचा था।इसके बाद यह तय हुआ कि अधिकारी गांव में जाएंगे और बैठक कर तय करेंगे कि महिला जिंदा है या नहीं।बैठक में आज़िज़ महिला ने कहा था कि साहब देख लीजिए मैं ज़िंदा हूँ।इस मौके पर एसडीएम और सीओ भी पहुंचे थे मगर कानूनी पचड़ा दिखाकर अधिकारियों ने सूका को ज़िंदा करने से मना कर दिया था।मामला गंभीर होता देख सोमवार को एडीओ पंचायत रविन्द्र सिंह ने जिलाधिकारी एवं जिला पंचायत अधिकारी के आदेश सहित पुलिस अधीक्षक द्वारा इस संबंध में कराई गई विवेचना तथा ग्राम पंचायत के लोगों द्वारा सूका के जीवित होने के संबंध में दिए गए बयान हल्फ़ी का हवाला देते हुए ग्राम पंचायत अधिकारी देवप्रताप सिंह को सूका देवी का नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज करते हुए परिवार रजिस्टर की नक़ल दिए जाने का निर्देश दिया था।इस पर अमल करते हुए ग्राम पंचायत अधिकारी ने आज सूका देवी का नाम दर्ज करते हुए उन्हें परिवार रजिस्टर की नक़ल उपलब्ध कराई।जीवित होने का प्रमाण मिलते ही सूका के परिजन खुशी से उछल पड़े।इस दौरान भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

विदित हो कि बेलहर विकास खण्ड के बेलहर कलां निवासी सूका देवी (75) पत्नी देवता को ब्लाक की तरफ से जारी किए गए परिवार रजिस्टर की नकल में मृतक दिखा दिया गया था। परिवार रजिस्टर की नकल पर परिजनों ने जब आपत्ति दर्ज कराई तो उस समय पंचायत विभाग की तरफ से गांव में बैठक करके ग्रामीणों के सामने पुष्टि करने की बात कही।इसको लेकर जैसे ही बैठक शुरू हुई तो एडीओ (पंचायत) रविंद्र सिंह ने कोर्ट में चल रहे मुकदमे में बिना फैसला आए परिवार रजिस्टर की नकल में सूका देवी को जिंदा दिखाने से इनकार कर दिया।इसके बाद ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया।एडीओ पंचायत बेलहर रविन्द्र सिंह के नेतृत्व में अधिकारी तय समय पर गांव पहुंचे और बैठक शुरू हुई।बैठक में महिला भी आई और अधिकारियों से कहा कि हुजूर देख लीजिए, मैं जिंदा हूं ! अधिकारियों ने कहा कि कोर्ट का आर्डर लाइए तक मानेंगे कि आप जिंदा हो।विवाद की सूचना पाकर मौके पर एसडीएम व सीओ भी पहुंचे लेकिन महिला के जिंदा होने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका।

मामले को बिगड़ता देखकर जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय से इस मामले में दर्ज मुकदमे की जांच रिपोर्ट मंगाई गई।अपर पुलिस अधीक्षक ने डीपीआरओ को भेजी अपनी जांच आख्या में लिखा कि अपने पत्र 2420 /7-पं0/परि0रज/जांच/2019-20 दिनाँक 06-09 2019 का संदर्भ ग्रहण करें जो श्रीमती सूका उर्फ सुखराजी पत्नी स्वर्गीय देवता राय उर्फ साधूशरण निवासिनी ग्राम बेलहर कला मटहा थाना बखिरा जनपद संत कबीर नगर द्वारा पंजीकृत कराए गए मु0अ0स0 197 /19 धारा 419/420/467/ 468/471भा0द0वि0थाना बखिरा की विवेचना की प्रगति आख्या उपलब्ध कराने के संदर्भ में है।वर्तमान विवेचक उ0नि0 जे0एन0 त्रपाठी से आख्या प्राप्त की गई जो मूल रूप से संलग्न है। प्रकरण के संदर्भ में उ0नि0 जे0एन0त्रिपाठी की आख्या के अवलोकन से पंजीकृत अभियोग की विवेचना में अब तक निम्न निष्कर्ष/तथ्य प्राप्त हुआ है।वादिनी श्रीमती सूका देवी जिसको प्रतिवादी गण कथित रूप से रुमाली देवी होने का दावा करते हैं की शिनाख्त सूका देवी उर्फ सुखराजी पत्नी देवता राय उर्फ साधूशरण के रूप में हुई है।प्रतिवादी गणों द्वारा कथित रूप से सूका की बहन रुमाली देवी होना बताया गया है जबकि विवेचना से सूका की स्वयं की अतिरिक्त दो बहने कैलाशी तथा फौजदारी होने का पाया गया है जिन दोनों की वर्तमान में मृत हो चुकी है कथित रूमाली देवी वास्तव में शिवपूजन निवासी बौरव्यास थाना बखिरा जनपद संत कबीर नगर की पत्नी थी जिनकी मृत लगभग 40 वर्ष पूर्व हो चुकी है। इन रुमाली देवी का सूका के परिवार से कोई संबंध नहीं है।अब तक की विवेचना से प्रथम दृष्ट्या सूका देवी का वर्तमान में जीवित होना पाया जा रहा है किंतु राजस्व अभिलेख में उनके अशिक्षित होने का लाभ उठाकर कतिपय रूप से कई वर्षों पूर्व उनके नाम से अंगूठा निशान लगाकर प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर धोखाधड़ी करना पाया जा रहा है। तथ्यों की पुष्टि की जा रही है।विवेचना वर्तमान में प्रचलित है।सूका के राजस्व अभिलेखों में इनकी मृत्यु होने की अतिरिक्त शेष समस्त अभिलेख जैसे मतदाता पहचान पत्र,बैंक खाता, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र उनके जीवित होने का प्रमाण पाए गए हैं।इस माामले में गांव के शिवमूरत पुत्र खेला,साधूशरन पुत्र रामसुमेर,राजेन्द्रर पुत्र तुरई,रामसुमेर पुत्र पुण्बडी,दिनेश पुत्र चतुरी,नागेन्द्र पुत्र रूद्रनाथ, नन्दलाल पुत्र झिंगुर,सुराती पत्नी फुलचन्द,राजेश्वरी राय पुत्र देवनरायन राय,सर्वजीत ठुकराई पुत्र रमापति सहित 25 लोगों ने भी सूका के जिंदा होने के पक्ष में शपथ पत्र दिया है।

40 वर्षों के संघर्ष से मिली जीत -सूका देवी

राजस्व अभिलेखों में पंचायत कर्मियों द्वारा बेलहर कला गाव निवासी सूका देवी को 43 वर्ष पूर्व मृत दिखा दिया गया था।अभिलेखों में मृत होने की जानकारी सूका देवी को उसके कुछ माह बाद तब पता चला जब उन्हें किसी कार्य हेतु परिवार रजिस्टर की जरूरत पडी।परिवार रजिस्टर मृत होने की जानकारी होने पर वह सन्न रह गई।इसके बाद उन्होंने अपने आप को जीवित सावित करने के लिए ठानी और वह डीएम सहित अन्य आला अधिकारियों के यहां प्रार्थनापत्र के साथ पहुंची ।लेकिन कई वर्षों तक जब सफलता नही मिली तो उन्होंने कोर्ट की शरण ली और एक वाद दाखिल किया और इसमें भी विपक्षियों के मजबूती के चलते तारीख पर तारीख पडती गई।धीरे धीरे उम्र बढती गई और चलने फिरने में भी असमर्थ होती चली गई ।पति की मौत पहले ही हो चुकी थी।इन्होंने अकेले होने के कारण बीच में इस लडाई को छोड दिया था।लेकिन कुछ दिन बाद इनके बहन के बच्चों का साथ मिलने के बाद यह लडाई फिर शुरू हुई और पुनः डीएम तथा मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के साथ राष्ट्रपति तक अपने जीवित होने के प्रमाण पत्रों के साथ गुहार लगाई और अंततः उन्हें सफलता मिली और परिवार रजिस्टर मे नाम दर्ज हो सका ।सूका देवी ने बताया कि यह सत्य की जीत है ।सत्य के राह में ठोकर लगती है पर सफलता जरूर मिलती है।

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