अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। जनपद बलरामपुर में प्रत्येक समुदाय के हर व्यक्ति और विशेषकर कमजोर वर्गों तक स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण सेवाओं की पहुंच बनाने के उद्देश्य से जिले के हर ग्राम-सभा में ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस यानि वीएचएसएनडी का आयोजन किया जा रहा है। इस खास योजना से समुदाय को जोड़ने में एएनएम की खास भूमिका है। जब एएनएम को वीएचएसएनडी के दौरान दी जाने वाली जानकारी और सुविधाओं का सही ढंग से ज्ञान होगा तभी सभी को इस योजना का सही ढंग से लाभ मिल सकेगा।
सीएमओ कार्यालय सभागार में आयोजित एएनएम प्रशिक्षण के समापन पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा सूचना अधिकारी अरविंद मिश्रा ने यह बातें कहीं। उन्होने बताया कि वीएचएसएनडी में एएनएम का काम गुणवत्तापरक सेवाएं देना, सेवा लेने वाले से समन्वय बनाकर रखना, वीएचएसएनडी के दौरान उपलब्धि, कठिनाईयों और समस्याओं के निराकरण हेतु आपसी संवाद स्थापित करना, कमजोर व वंचित वर्ग के लोगों पोषण और स्वास्थ्य सुविधाएं देना, स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित योजनाओं की पात्रता के बारे में बताकर लोगों को जागरूक करना। स्वास्थ्य एवं पोषण में सुधार लाने के लिए परामर्श देना। उच्च जोखिम वाले मरीजों की पहचान कर उन्हे उच्च अस्पताल के लिए रेफर करना और उसकी निगरानी करते रहना है। चिकित्सा अधिकारी व प्रशिक्षक ड़ा जगमोहन ने सभी एएनएम को मातृृ कुपोषण के बारे मे ंबताते हुए कहा कि गर्भवती व धात्री महिलाओं को अपर्याप्त भोजन मिलने से वह कुपोषित हो जातीं हैं। इसके अन्य कारण भी हैं जैसे एनीमिया, सूक्ष्म तत्वों की कमी, दो बच्चों के बीच कम अंतराल, साफ सफाई की कमीं व परम्पराएं और मान्यताओं के कारण खानपान का ध्यान व उचित देखभाल ना रखना। प्रशिक्षक ईला शुक्ला ने बताया कि गर्भावस्था महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण समय है। महिला की गर्भावस्था के दौरान उनके परिजनों को महिला का खास ख्याल रखने की जानकारी दें। यदि वे ऐसा नहीं करते है तो मां और बच्चे दोनों के जीवन को खतरा हो सकता है। उन्होने बताया कि गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार बार जांचे होना आवश्यक है जिसमें वजन, खून, पेशाब, रक्तचाप, हीमोग्लोबिन, एचआईवी और पेट का परीक्षण शामिल है। तीन दिवसीय एएनएम प्रशिक्षण के दौरान अब तक 6 बैच के माध्यम से 206 एएनएम को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
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