वासुदेव यादव
अयोध्या।जिला में बाबरी मस्जिद (Babri Mosque) और राम मंदिर (Ram Temple) प्रॉपर्टी विवाद (Property Dispute) की सुनवाई रोजाना सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जारी है। आजकल 18 अक्टूबर तक बहस खत्म करने की डेडलाइन भी तय हो चुकी है और नवंबर तक फैसला आने की अब उम्मीद भी जगी है। लेकिन इसी बीच बाबरी मस्जिद के पैरोकार हाजी महबूब (Litigant Hazi Mehboob) के ऊपर राम मंदिर समर्थक तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास (Paramhans Das) ने गंभीर आरोप लगाते हुए कोतवाली अयोध्या में तहरीर दे दी है।
इस तहरीर में उन्होंने पूर्व में हुए एक निजी चैनल के स्टिंग के वायरल वीडियो के आधार पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा पंजीकृत करने की गुहार लगाई है, कहा जा रहा है कि चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में हाजी महबूब कथित तौर पर 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों पर बम फेंकने की बात स्वीकार करते नजर आ रहे हैं। इस तथाकथित वीडियो में हाजी महबूब ये भी कहते नजर आ रहे हैं कि अगर सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट भी हिन्दुओं के पक्ष में आया तो वे अयोध्या में एक ईंट भी नहीं रखने देंगे। इस वीडियो के आधार पर राम मंदिर समर्थक परमहंस दास ने तहरीर दी है।
मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो जाऊंगा कोर्ट: दास
परमहंस दास ने कहा कि उस वीडियो में कई बातें कहते हाजी महबूब नजर आए हैं. परमहंस दास ने उनके ऊपर हमला बोलते हुए कहा कि हाजी महबूब ने न्यायपालिका पर भी प्रश्नचिन्ह उठाया. उन्होंने कहा कि वीडियो में हाजी महबूब 1992 में कारसेवकों पर बम से हमला करने की बात स्वीकार की है. इस वीडियो के आधार पर उनके ऊपर कार्यवाई के लिए मैंने तहरीर दी है. यदि कोतवाली में मुकदमा दर्ज नहीं होता तो फिर वह कोर्ट के माध्यम से हाजी महबूब के ऊपर मुकदमा दर्ज कराएंगे. दरअसल, यह वीडियो एक निजी चैनल ने 6 माह पूर्व चलाया था. इस कथित स्टिंग वीडियो में हाजी महबूब बाबरी विध्वंस के समय कई अहम बात कहते नजर आए हैं।
हाजी महबूब ने आरोपों को नकारा, बताया रेडीमेड व फ़र्जी
पुलिस ने भी इस बात को स्वीकारा है कि उन्हें परमहंस दास की तरफ से तहरीर मिली है। पुलिस अब मामले में जांच की बात कह रही है।
उधर बाबरी मस्जिद के पैरोकार पक्षकार हाजी महबूब का कहना है कि मेरे ऊपर लगे आरोप गलत व फर्जी है। वे सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि संत परमहंस अपने आपको मीडिया में हाईलाइट करने के लिए यह खड़यंत्र रूपी कार्य कर रहे हैं। वे मीडिया में बने रहने हेतु गलत ब्यानबाजी हरदम करते रहते है। यदि 1992 में बम चला होता तो हजारों लोगों की मौतें होती। एक सिंगल कैजुअल्टी नहीं हुई।यह बात गलत है।
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