शिवेश शुक्ला
प्रतापगढ | जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने कलेक्ट्रेट परिसर में महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर प्रातः 8 बजे ध्वजारोहण किया। महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) शत्रोहन वैश्य एवं अधिवक्तागण ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। जिलाधिकारी ने गांधी जयन्ती के अवसर पर जनपदवासियों को हार्दिक बधाई भी दी। महात्मा गांधी की जयन्ती के अवसर पर कलेक्ट्रेट के जनसुनवाई कक्ष में जिलाधिकारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि महात्मा गांधी जी जो कहते थे वही करते थे इसलिये जनता उनसे जुड़ जाती थी जिससे वे जन आन्दोलन चला सके। उन्होने कहा कि गांधी जी ने ग्राम स्वराज की स्थापना की थी, स्वावलम्बन पर जोर दिया था, गांधी जी सुकल्पना को जो मूर्त रूप देने की आवश्यकता है यदि ग्राम में मूलभूत आवश्यकताये पूर्ण की जाती, उपर्युक्त उद्योग को बढ़ावा दिया जाता तो शहरीकरण समस्या के रूप में सामने न आता। उन्होने कहा कि महात्मा गांधी जी भेदभाव की परम्परा को नष्ट करने के लिये आजीवन संघर्ष करते रहे। उन्होने कहा कि हम चाहे जिस पद पर हो उस पर ईमानदारी, कर्तव्य निष्ठा के साथ कार्य करें और जन मानस के अन्तिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुॅचाये। जिलाधिकारी ने कहा कि सत्याग्रह तथा सविनय अवज्ञा आन्दोलन के माध्यम से उन्होने समाज के सभी वर्गो में आजादी की लव प्रचलित कीं। उन्होने कहा कि गांधी जी ने सत्य और अहिंसा का जो मार्ग दिखाया व देश में ही नही विश्व प्रसिद्ध है और इससे हमारे देश का गौरव आगे बढ़ रहा है। उन्होने कहा कि हमें दूसरों की पीड़ा समझने की एवं उसे दूर करने की जरूरत है। शास्त्री जी जय जवान-जय किसान का नारा देकर भारत को ऊर्जावान बनाने एवं किसानों को सामान्य आत्म निर्भर बनाने पर जोर दिया। आज देश खाद्यान्न में आत्म निर्भर है, तेजी से सभी क्षेत्रांं में विकसित हो रहा है लेकिन फिर भी हम अभी जीवन की गुणवत्ता के कई मामलों में पीछे है अतः इसे हम लोग दूर करने का संकल्प लें।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने जनसुनवाई कक्ष में उपस्थित लोगों को स्वच्छता की शपथ भी दिलायी। महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर सभी लोगों ने मिलकर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) शत्रोहन वैश्य ने महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी के प्रति अपने विचार व्यक्त किये।
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