शिवेश शुक्ला
राजस्थान | एमजीएसयू के राजस्थानी विभाग के ऐतिहासिक कदम के तहत उसके जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के राजस्थानी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बृहस्पतिवार को आयोजित विस्तार व्याख्यान में बोलते हुए मुख्य वक्ता लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार एवं वरिष्ठ कवि आलोचक आईदान सिंह भाटी ने कहा कि राजस्थानी की आत्मा को जानना वक्त की जरूरत है l वे राजस्थानी भाषा की परंपरा एवं वाचन शैलियों विषय पर जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के बृहस्पति भवन सभागार में मंच से अपना उद्बोधन दे रहे थे l राज्य में दो राज्य विश्वविद्यालयों के संयुक्त प्रयास का अपनेआप में यह पहला उदाहरण रहा ,lटूर निदेशक एमजीएसयू के राजस्थानी विभाग की प्रभारी डॉ मेघना शर्मा के नेतृत्व में बृहस्पतिवार तड़के देशनोक की करणी माता के दर्शन के बाद विश्वविद्यालय के राज्थानी विभाग के विद्यार्थी जोधपुर के एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण पर निकले जिसकी पहली कड़ी में जोधपुर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विस्तार व्याख्यान रहा, दीप प्रज्वलन के उपरांत विभागाध्यक्ष डॉ धनंजया अमरावत ने स्वागत भाषण दिया व विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. गजे सिंह राजपुरोहित ने स्वरचित कविता पड़दे रे तेरे भीतर मत झांके, प्रीत की रीत टूट जासी सुनाकर सभागार में उपस्थित विद्यार्थियों का मन मोह लिया l
मंच संचालक डॉ मीनाक्षी बोराणा ने भी अपना उद्बोधन दियाl एमजीएसयू के राजस्थानी विभाग की प्रभारी डॉ. मेघना शर्मा ने समस्त संकाय सदस्यों व छात्र संघ उपाध्यक्ष कन्हैयालाल उपाध्याय के साथ मुख्य वक्ता आईदान सिंह भाटी का सम्मानप किया व सभी का आभार प्रकट किया l भ्रमण कार्यक्रम के संयोजक डॉ गौरीशंकर निमिवाल ने बताया कि इसके उपरांत विद्यार्थियों ने राजस्थानी प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान , राजस्थानी शोध संस्थान एवं शब्दकोश चौपासनी, महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध केंद्र मेहरानगढ़ आदि में स्थित राजस्थानी पोथियों, बहियों व शोध सामग्री का अवलोकन किया l बीकानेर एमजीएसयू की टीम में डॉ गौरीशंकर प्रजापत, डॉ.नमामि शंकर आचार्य, राजेश चौधरी, डॉ. मनोज आचार्य, राम अवतार उपाध्याय व सरजीत सिंह शामिल रहे |
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