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माताओं के पोषण पर केन्द्रित होगा पोषण माह का अन्तिम सप्‍ताह


■ मातृसमिति व सास बहू बैठक के साथ होगी शुरुआत तो गोदभराई के साथ होगा समापन
■ आज से माताओं के साथ ही बच्‍चों और किशोरियों से सम्‍बन्धित कार्यक्रम भी होंगे
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। शिशुओं, बालको, किशोरियो और माताओं के पोषण को केन्‍द्र में रखकर आयोजित किए जा रहे पोषण माह का अन्तिम सप्‍ताह माताओं के पोषण पर केन्द्रित होगा। मातृसमिति की बैठक और सास बहू सम्‍मेलन के साथ शुरु होने वाला पोषण माह का अन्तिम सप्‍ताह गोदभराई और बाल सुपोषण उत्‍सव के साथ सम्‍पन्‍न होगा। इस दौरान बच्‍चों ओर किशोरियों से सम्‍बन्धित कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सुश्री विजयश्री ने बताया कि उपरी आहार थीम पर चल रहे पोषण माह का चौथा और अन्तिम सप्‍ताह माता सप्‍ताह के रुप में मनाया जाएगा। सोमवार से शुरु हो रहे सप्‍ताह के पहले दिन मातृसमिति की बैठक आयोजित की जाएगी। इस दौरान ऊपरी आहार पुस्तिका के प्रयोग, गर्भवती महिला व छोटे बच्‍चों के पोषण पर चर्चा होगी। पोषण कार्नर बनाकर फल, फूल व पोषाहार का प्रदर्शन किया जाएगा। दूसरे दिन पोषण वाटिका गृह भ्रमण का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान स्‍वयं सहायता समूह की महिलाओं के सहयोग से कम से कम एक धात्री व एक गर्भवती महिला के घर पर पोषण वाटिका का निर्माण किया जाएगा। तीसरे दिन सभी नवविवाहिताओं को केन्‍द्र पर बुलाते हुए उनके खून की जांच कराकर उनको परिवार नियोजन का संदेश दिया जाएगा। पांचवे दिन पोषाहार से बनने वाले व्‍यंजनों का प्रदर्शन किया जाएगा। छठवें दिन कुपोषित और अति कुपोषित बच्‍चों के बारे में माताओं को जानकारी दी जाएगी, साथ ही कुपोषित बच्‍चों के अभिभावकों को केन्‍द्र पर बुलाकर उनको वृद्धि चार्ट के बारे में जागरुक किया जाएगा। सप्‍ताह का समापन गोदभराई और बाल सुपोषण उत्‍सव के साथ होगा जिसमें बालकों का सामूहिक भोज होगा तथा एक बच्‍चे और एक धात्री माता को सम्‍मानित किया जाएगा।

संतकबीरनगर में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाओं में एनीमिया

यूपीटीएसयू के जिला पोषण विशेषज्ञ अजिथ रामचन्‍द्रन बताते हैं कि एनएफएचएस – 4 (2015 – 16) के सर्वे के अनुसार संतकबीरनगर जनपद में 15 से 49 वर्ष की महिलाएं जिन्‍होने गर्भधारण नहीं किया है उनमें 50.9 प्रतिशत एनीमिया है। वहीं गर्भावस्‍था के दौरान 50.1 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी है। कुल महिलाओं में 50.9 प्रतिशत एनीमिया की शिकार हैं। वहीं 15 से 49 वर्ष के पुरुषों में 22.3 प्रतिशत एनीमिया के शिकार हैं।

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