■ आधा दर्जन गांव बाढ की चपेट में,प्रशासन बेखबर
बनारसी चौधरी
बेलहर,संतकबीरनगर। भारी बरसात के चलते नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ रहा है। जिसके चलते एक हजार एकड फसल बाढ में डूब गएं हैं। जलस्तर बढने से कई गांवों के संपर्क मार्ग पर पानी भर गया है। आधा दर्जन से अधिक गांव बाढ से घिर गएं हैं पर प्रशासन अभी भी मौन धारण किए हुए हैं। ग्रामीणों दहशत का माहौल है। भारी बरसात के चलते बेलहर क्षेत्र में बहने वाली आमी नदी और बुध्दा तथा गोयडा नाले का जलस्तर काफी बढ गया है। जिसके चलते दो दर्जन से अधिक गांव के किसानों का लगभग एक हजार एकड धान की फसल पूरी तरह डूब गई है। बढते जलस्तर के चलते औरहिया मंझरिया, करदहा आदि आधा दर्जन से अधिक गांव के संम्पर्क मार्ग पर पानी भर गया है जिसके चलते लोगो को रोज मर्रा की जरूरत के सामान उपलब्ध कराने में कठिनाई हो गई है। आमी नदी का जलस्तर बढने के कारण कैथवलिया, भेलाखर्ग, दरही, जंगल दशहर, लौकी मिश्र, पिपरी, बरडाड, किठूरी, भगौसा, बरगदवा, खोंघापार आदि गांव बाढ की चपेट में आ गएं हैं। जबकि बुध्दा नाले का जलस्तर बढने से औरहिया मंझरिया, मदरहा, करदहा, राजेबोहा, सुरसा चमनजोत, अगियौना, तिलहवा, जल्लहिया, हसवापार, जोलहपुरवा, गोपालपुर आदि गांव बाढ की चपेट में आ गएं हैं। जिसके चलते इन गांवों का जनजीवन अस्त ब्यस्त हो गया है। अगर इसी तरह से जलस्तर बढता रहा तो स्थिति और भयावह हो सकती है। इन गांव के ग्रामीण दहशत में है और प्रशासन के जिम्मेदार अभी भी क्षेत्र में दिखाई नही पड रहें हैं।
नन्दौर से रुधौली मार्ग पर पंहुचा आमी का पानी
लगातार हो रही बरसात से जन जीवन पूरी तरह से अस्त ब्यस्त तो हो ही गया है लेकिन आमी नदी के बढते जल स्तर से नन्दौर से रूधौली मार्ग पर आमी नदी का पानी पहुंच गया है जिसके चलते यह बंद होने के कगार पर है। अगर अब भी बरसात बंद हो जाता है तो भी इस मार्ग पर काफी पानी भर जाएगा। इसी प्रकार राजघाट से सिध्दार्थनगर को जाने वाले मार्ग पर भी पानी भर गया है तथा पिपरा प्रथम से घोसियारी बाजार को जाने वाले मार्ग पर काफी पानी भर गया है जिससे कारण यह मार्ग बंद हो गया है।
धान की फसल को है सबसे अधिक नुकसान
इस समय बाढ के पानी से सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को है। औरहिया निवासी किसान राजेन्द्र ने बताया कि फसल एक दम तैयार होने को है और इस समय बाढ का पानी भरने से निकलने वाले फल सड जाएंगे जिससे पैदावार नही हो सकेगा।किसान दुखहरण ने बताया कि अब जो फसल बाढ की चपेट में आ गएं हैं वह पूरी तरह से बरबाद हो गएं अगर अभी से बरसात बंद हो जाए तो भी पैदावार पर असर पडेगा।
पूरी तरह से बर्बाद हो गए सब्जी की खेती करने वाले किसान
पखवारे भर पूर्व झमाझम पानी के इंतजार में रहे किसान अब ऊब चुके हैं। सब्जी की खेती करने वाले किसान पूरी तरह से बरबाद हो गएं हैं। भारी बरसात के चलते कैथवलिया, मदरहा और करदहा के सब्जी की खेती करने वाले किसान रामशरण, दुखरन, राजमणी आदि ने बताया सभी खेतो मे पानी भर जाने से सभी सब्जियां नष्ट हो गई है अब मूलधन ही निकल पाना सम्भव नही दिख रहा है।
आमी नदी में समाया गोआश्रय केंद्र, फिर बेसहारा हुए पशु
बेलहर ब्लाक में स्थिति गो आश्रय केन्द्र कैथवलिया आमी नदी की बाढ में डूब गया है। इसी तरह सांथा ब्लाक का आश्रय केन्द्र अगियौना भी बुध्दा नाले में समा गया है। कुछ दिन पूर्व तक छाजन में रहने वाले बेजुवान अब फिर बेसहारा हो गये हैं हलांकि संबंधित अधिकारी सभी पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखे जाने की बात कर रहें हैं पर इतने पशुओं को रखने का सुरक्षित स्थान कहा हैं यह बताने से कतरा रहें हैं। इतना ही नही अगर इसी तरह से बरसात होती रही तो गो आश्रय केन्द्र भेलाखर्ग खुर्ग, भगौसा और अमराकोईल के भी आश्रय केन्द्र बाढ की चपेट में आ जाएंगें क्यों कि यह आश्रय केन्द्र कभी बाढ क्षेत्र में ही निर्मित हैं और इन सब के भी समीप बाढ का पानी पहुंच चुका है।
"आश्रय केन्द्रों के बारे में जानकारी ली जा रही है और जहा बाढ का खतरा है वहां के पशुओं के लिए सुरक्षित स्थान की ब्यवस्था कराने के लिए कहा गया है। हम सभी केन्द्रों की बराबर जानकारी ले रहे हैं। अगियौना और कैथवलियां के पशु सुरक्षित हैं।"
डा.टी.पी.मिश्र
मुख्य पशुचिकित्साधिकारी
"इस क्षेत्र में जल निकासी की समस्या है तो जलजमाव हो जाते हैं। यह सब दैवीय प्रकोप है फिर भी जांच करवा कर अग्रिम कार्यवाई के लिए टेस्ट करवाते हैं।"
प्रेम प्रकाश अंजोर
एसडीएम-मेहदावल
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