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शासन के केरोसिन बंद करने का आदेश, गरीबो को पड़ेगा भारी


■ चीनी के बाद अब केरोसीन पर शासन की नजर

■ शासन का आदेश गैस कनेक्शन व बिजली वालो को नही मिलेगा केरोसीन ऑयल

आलोक बर्नवाल
मेंहदावल,संतकबीरनगर। प्रदेश सरकार जहां अभी भी ग्रामीण व अर्ध शहरी क्षेत्रो में पूरी तरह से 24 घंटे बिजली देने में नाकाम रही है। जिससे अभी भी ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्र के गरीब आबादी मिट्टी के तेल से दीये, लैंप आदि से रोशनी करती है। जिस पर अब इस रोशनी पर भी सरकार की नजर पड़ गई है। इसीकड़ी में सरकार के नित्य नये फरमान से अब लोगो की संकट बढती जा रही हैं। वर्तमान मे पीले कार्ड का अस्तित्व समाप्त हो चुका हैं तो वही सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से चीनी वितरण भी लम्बे समय से ठप हैं। तो दूसरी तरफ प्रदेश सरकार का नया फरमान जिन कार्ड धारको के पास गैस व बिजली कनेक्शन हैं। उन्हे केरोसीन ऑयल से वंचित किया जाय। फिलहाल शासन का यह पत्र प्रदेश के सभी जिलो के जिलाधिकारी से लेकर जिलापूर्ति कार्यालय तक पहुच चुके हैं और इनकी सूचना बनाने व उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी कोटेदारो को सौपी गयी हैं। आने वाले समय मे अन्त्योदय व पात्रगृहस्थी कार्ड धारक होने के बाद भी यदि दोनो सुबिधाएं कार्ड धारक के पास उपलब्ध हैं तो समझ लिजिए कि आप केरोसीन ऑयल के हकदार नही हैं। शासन का यह फरमान जहां स्थानीय स्तर पर हडकंप मचाए हुए हैं वही ग्रामीण व शहरी गरीब उपभोक्ताओं मे नाराजगी भी हैं।

   आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग उत्तर प्रदेश आलोक कुमार के पत्रांक 4210/आ.पू.रा.-मि.ते.आं.-12मिस/2008 मे एक अगस्त 2019 को समस्त जिलाधिकारी को भेजे पत्र मे कहा है कि भारत सरकार से प्राप्त सब्सिडाइज्ड मिट्टी तेल के समुचित वितरण के संबंध मे यह कहना हैं कि प्रदेश मे पात्र गृहस्थी एवं अन्त्योदय कार्ड धारको के पास एलपीजी कनेक्शन एवं विद्युत कनेक्शन की सुबिधा उपलब्ध होने के दृष्टिगत उन्हे मिट्टी तेल की आवश्यकता का औचित्य न जाने के कारण उनके पास एलपीजी व बिद्युत कनेक्शन के उपलब्धता का सर्वे कराते हुए दोनो सुबिधा होने के स्थिति मे मिट्टी तेल की सुबिधा बंद करते हुए लाभार्थियों की संख्या एवं प्रतिशत से अवगत कराने का निर्देश दिये गये हैं। ऐसे मे इस आदेश के बाद जहां आपूर्ति विभाग सूचना जुटाने का माध्यम कोटेदारो को बनाया हैं वही शासन के इस फरमान से कार्डधारको के होश उड गये हैं। सरकार की नितिया रोज बदल रही है और कार्ड धारको पर भारी पड रही हैं। कस्बा निवासी कार्डधारक जगरनाथ गुप्ता,अंगद गुप्ता,सुशीला देवी,प्रमिला देवी,विजय गुप्ता समेत दर्जनों अन्त्योदय व पात्र गृहस्थी कार्ड धारको का कहना हैं कि सरकार की नीतिया गरीबो पर भारी पड रही हैं। पहले चीनी वितरण बंद किया और अब केरोसीन बंद करने का षड्यंत्र रचा जा रहा हैं। जब अन्त्योदय व पात्र गृहस्थी कार्ड धारक की सुविधा दी तो बिजली व गैस कनेक्शन के नाम पर केरोसीन की सुबिधा बंद करने का निर्णय पूर्णतः अनुचित हैं। कार्ड धारक भूमिहीन हैं और उनके पास कृषि योग्य भूमि नही हैं उपर से बिजली कटौती की समस्या चरम पर हैं। साथ ही अभी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था अधूरी है। ऐसे मे सरकार गरीबो को केरोसीन बंद कर अंधेरे मे रखने का कुचक्र रच रही हैं। फिलहाल शासन के इस फरमान से जहां कार्ड धारक हैरान है। वही केरोसीन ऑयल के डीपो पर भी प्रभाव पडेगा और शासन के इस निर्णय से कोटेदार, कार्ड धारक व डीपो चलाने वाले तीनो लोग जहां प्रभावित होगें वही कई के रोजी रोटी पर भी संकट गहरा होगा। जिससे इनके समक्ष भी काफी परेशानियो उत्पन्न हो गई है। अगर सरकार कोई कदम उठाती है तो इसके सभी पहलू पर विचार करना चाहिए। लगता है नेता और नौकरशाह बंद कमरे में बैठकर ही सारे नियम कानून बनाते है तभी तो जमीनी धरातल के बारे मे पता नही रहता है। अपनी सुविधा और सब्सिडी को लेना ही धर्म है जब गरीब की बात होती है तो सब कुछ लुटा ही जा रहा है इसी सोच से गरीब के केरोसिन कोटे को समाप्त किया जा रहा है।

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