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एक तरफ छुट्टा पशु तो दूसरे तरफ बरसात ने किसानों की बढ़ाई मुसीबत


■ किसानों के फसलों का बर्बाद होने का बढ़ा खतरा

लालचंद्र मद्धेशिया

धर्मसिंहवा,संतकबीरनगर। क्षेत्र के किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक सप्ताह से हो रहा भारी बरसात, तो कभी खेत में घुसकर छुट्टा जानवर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्राम गौरी राई, सेंवहा चौबे, मुसहरा, धुसवा मेहदूपार, भुलकी, अंतरी नानकार, केंचुआ खोर, बरगदवा, छिबरा, धर्मसिंहवा, सेवाईचपार आदि गांवों में छुट्टा पशु गाय बछड़े अन्य जंगली जानवर नील गाय, सुअर, श्याही आदि ने किसानों के धान, मक्का, मूंगफली जैसी फसलों को अत्यधिक नुकसान पहुंचा रहे है। मक्का व धान की कुछ फसल पककर तैयार है कुछ का अभी इंतजार है, लेकिन जानवर इन्हें चर रहे हैं। जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिरने लगा है। सरकार की छुट्टा पशुओं को व्यवस्थित करने का इंतजाम नाकाफी साबित हो रहा है। एक ओर जहां प्राकतिक आपदा का सामना किसानों को करना पड़ रहा है, वहीं जानवरों के आतंक ने किसानो परेशान कर रखा है। लाठी डंडों को लेकर उन्हें रखवाली करने में रतजगा कर रहे है। बता दें जानवरों के झुंड में कभी किसानों का खदेड़ना भारी पड़ रहा है जानवर किसानों को उल्टा दौड़ाकर मारने पर उतारू हो जाते हैं किसान किसी तरह भागकर अपनी जान बचाते हैं। शाम होते ही किसानों ने खेतों की सुरक्षा के लिए कई रखवाले लाठी डंडों को रखे तो हैं लेकिन जानवरों के झुंड में होने से वे असहाय हो जाते हैं। किसानों की मजबूरी है कि ये जानवरों के आंतक के बावजूद खेती करना नहीं छोड़ सकते अगर किसी गांव के लोग चाहें कि वे अपने गांव के आवारा जानवरों को दूसरे इलाके में खदेड़ दें तो ग्रामीणों में आपस में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है किसान हरिप्रसाद चौबे सेंवहा निवासी ने बताया कि हम लोग पूरी रात रात भर जाग कर खेत की रखवाली करते हैं इसी तरह से अन्य सलमान मनिहार, जाकिर, रामाशंकर राव, दूर्गेश, रामनाथ शुक्ल, नगीना चौरसिया, एजाज खान, राधेश्याम निषाद, रामहित यादव आदि सैकड़ों किसान है उनका कहना है कि हम सभी का फसल जानवर नुकसान पहुंचा रहे हैं लेकिन झुंड में कुछ बिगड़ैल किस्म के सांड है उनके डर से हम लोग असहाय मूक दर्शक की भांति देखते ही रह जाते हैं। सरकार की व्यवस्था इन्हें संरक्षण करने के लिए नाकाफी साबित हो रहा है यदि यही स्थिति रहा तो फसल लगाने में सौ बार सोचना पड़ेगा।

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