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रामजानकी मंदिर की प्राचीन इतिहास को बचाने उतरे नगरवासी, दिया एसडीएम को ज्ञापन



■ कथित मंदिर प्रशासक साधू द्वारा मंदिर के अस्तित्व को किया जा रहा समाप्त

आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। मेंहदावल नगर के ठाकुर द्वारा  रामजानकी मंदिर आज कल चर्चा में पिछले कुछ दिनों से आ गया है। ठाकुर द्वारा मंदिर के परिसर में स्थित कुएं को कब्जाकर भवन निर्माण का मामला अभी पिछले कुछ दिनों पूर्व ही प्रमुख समाचार पत्रों ने प्रकाशित किया था। जिसमे प्रशासन ने कुएं के ऊपर भवन निर्माण की प्रक्रिया को रोक दिया गया था। जिस बाबत अब भी प्रशासन मुक्कमल कार्यवाही को अंजाम नही दे पाया है।
इसी कड़ी में पूरे घटना के परिदृश्य में बताते चले कि आज हिन्दू वाहिनी के नगर अध्यक्ष रजनीश प्रताप सिंह सहित सोनबरसा मोहल्ले के सभासद रवि सिंह की अगुवाई में एक दर्जन से ज्यादा सम्मानित लोगो के द्वारा रामजानकी मंदिर के प्राचीन अस्तित्व को बचाने के लिए आगे आये है। जिस बाबत आज नगर वासियों ने उपजिलाधिकारी प्रेमप्रकाश अंजोर को ज्ञापन देते हुए रामजानकी मंदिर के अस्तित्व को बचाने की गुहार लगाइ है।  इस बाबत ज्ञापन में सामूहिक रूप से नगर वासियों सहित हिन्दू युवा वाहिनी के द्वारा ज्ञापन में बताया गया कि मेंहदावल नगर के मोहल्ला ठाकुर द्वारा स्थित रामजानकी मंदिर का निर्माण का काफी वर्षों पूर्व जमींदारों से लिए गये जमीन पर नगर के व्यवसायियों व संभ्रांत व्यक्तियों द्वारा कराया गया था। जिसमे स्थानीय लोगो द्वारा पुजारी नियुक्त कर मंदिर की व्यवस्था को चलाया जा रहा था। विगत कुछ वर्षों से मंदिर के समस्त कार्यभार को अयोध्या धाम के लोहा लंगरी मंदिर के महंत जिनका नाम हरिदास है जो बिना किसी सहमति के के लोगो से अग्रिम धन लेकर दुकान बनवाया जा रहा है और किराए पर भी उठा दिया गया है। जिससे कथित महंत के द्वारा मंदिर के अस्तित्व को भी मिटाने का कृत्य किया जा रहा है। मंदिर के उत्तर में मुख्य प्रवेश द्वार पर अक्सर कोई न कोई आयोजन होता ही रहता है। जिसके बाद जब दुकान का निर्माण हो रहा है तो मंदिर के अस्तित्व को खतरा हो गया है। जिससे व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स की स्थिति बनकर रामजानकी मंदिर के अस्तित्व को खतरा हो गया है। रामजानकी मंदिर के जीर्णशीर्ण इमारत पर ध्यान न देकर केवल महंत द्वारा धन के आगमन की चिंता है। उक्त साधू द्वारा मंदिर के देखरेख के लिए फिरोजाबाद के चुड़िहार मुंशी रजा को रखा गया है। जो मंदिर में ही चूड़ी की दुकान करता है और पूर्ण रूप से मांशाहारी है। मूर्तिपूजा और सनातन धर्म का घोर विरोधी भी है। उक्त साधू द्वारा मंदिर में पूजा अर्चना, भोज, आरती, आदि के लिए कोई व्यवस्था नही किया गया है। और न ही स्वयं कभी कोई पूजन अर्चन ही किया जाता है। और न ही इस मंदिर के बाबत कोई धन ही खर्च करता है। कथित साधु के इस कृत्य से समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों व हिन्दू युवा वाहिनी में काफी रोष है। जिस बाबत नगर वासियों ने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन देकर गुहार लगाई की शीघ्रता से इसके व्यावसायिक कार्य को बंद करवा कर रामजानकी मंदिर के अस्तित्व को बचाया जाए। इस ज्ञापन देने के क्रम में नगर से समाजसेवी नित्यानंद जायसवाल, संदीप, पंकज मद्देशीया, हिन्दू युवा वाहिनी के नगर अध्यक्ष रजनीश सिंह, टंडन सिंह, रामकुमार प्रजापति, दीपक शुक्ला, प्रशांत गुप्ता, संतोष कुमार, देवेंद्र कुमार सिंह आदि ने भाग लिया। इनके द्वारा एक सुर मांग है कि मंदिर के समस्त व्यवसायिक कार्य को शीघ्रता से हटाया जाए और रामजानकी मंदिर के अस्तित्व को बचाया जाए।

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