■ जिम्मेदारों की अनदेखी से बना रहा बैकुण्ठ धाम
बनारसी चौधरी
बेलहर, संतकबीरनगर। विकास खंड बेलहर कला क्षेत्र के राजघाट मंन्दिर के बगल में नव निर्माणाधीन बन रहा शव दाहगृह हल्की बारिश के चलते जल मग्न सा दिखाई दे रहा है। सरकार की सोच रहती है कि बिभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ जैसे शुद्ध जल, गौशाला, शौचालय, बिजली चारागाह शमशान घाट आदि योजना का लाभ गांव तक पहुंचा कर गरीब परिवार को भी अपने हक का लाभ मिलता रहे। इसलिए बिभिन्न प्रकार की योजना की घोषणा की जाती हैं। इसी योजना के तहत सरकार की योजना है कि बडे-बडे तीर्थ स्थलों की भाति नदियों के किनारे शवदाह गृह बना कर मृतक व्यक्ति को इसी जगह पर अंतिम संस्कार किया जाए। क्यों कि अब जमीन पर काफी मात्रा में खेती करने के कारण अब हर गांव में शवों को जलाने के लिए जगह नहीं है। जिससे इधर उधर शव को जलाने से बिमारियों का भी भय बना रहता है और कुछ नरकंकाल नदी के किनारे दिखाई देते हैं इस प्रकार की सोच सरकार की है कि एक ही स्थान पर शव का अंतिम संस्कार किया जाए। इसीलिए शमशान घाट पर घर का निर्माण किया जा रहा है। इसी कडी मे नन्दौर से रूधौली मार्ग पर स्थित राजघाट बूधानदी पर हो रहा शवगृह घर में पूरी तरह पानी भर चुका है यदि काफी बरसात होता है तो यहाँ तक पहुंचने में बडी कठिनाई होगी क्यों कि यह सडक से लगभग तीस फिट नीचे बन रहा है। शव जलाने का घर बरसात में यहाँ पर पहुचना लोहे के चने चबाने के मुहाबीरे को याद दिलाता है। क्योंकि यही सडक के उत्तर भाग मे बगल मे बना गौशाला भी जलमग्न हो गया है। और गौबंश को दूसरे जगह रखना पडता हैं। इसी तरह यह शवदाहगृह भी बरसात के दौरान जलमग्न रहेगा तो कैसे जलाये जायेगा शव और सवाल तो यह उठ रहा है कि जहां भारी लागत से सरकार के द्वारा इस शवदाहगृह का निर्माण कराया जा रहा है आखिर ऐसे में क्या फायदा होगा.?
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