■ माताओं के साथ ही लाडलियों पर भी है विशेष नजर
■ पोषण माह के मातृ सप्ताह में चल रहे विविध कार्यक्रम
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। उपरी आहार थीम पर आधारित पोषण माह के अन्तिम सप्ताह में माताओं को केन्द्र में रखकर विविध गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान नवविवाहिताओं और गर्भवतियों के खून की जांच हुई तो गर्भवती महिलाओं के घरों में पोषण वाटिका लगाकर उनको पोषक आहारों के प्रति जागरुक भी किया गया। इस दौरान कल की माता बनने वाली लाडली के स्वास्थ्य पर भी विशेष नजर रखी जा रही है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सुश्री विजयश्री ने बताया कि पोषण माह का अन्तिम सप्ताह माताओं पर केन्द्रित है। इस दौरान माताओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर विविध गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। बालक, किशोरी और माता को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए चलाए जा रहे पोषण माह में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विविध गतिविधियों का आयोजन रोज किया जा रहा है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं के साथ की नवविवाहिताओं के खून की जांच की गई। वहीं दूसरी तरफ गर्भवती महिलाओं के पोषण को ध्यान में रखते हुए उनके घरों में पोषण वाटिका की स्थापना की गई। पोषण वाटिका में पोषण की कमी को दूर करने वाले सहजन, सूरन के साथ ही आम, आंवला, नीबू आदि के पेड़ लगाए गए। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण कार्नर बनाकर महिलाओं, किशोरियों और माताओं को पोषण को लेकर जागरुक किया गया। पोषण पुस्तिका के आधार पर माताओं से उपरी आहार पर चर्चा की गई। जिले के सेमरियांवा, सांथा, बेलहर कला, बघौली के साथ ही साथ जनपद के विभिन्न ब्लाकों तथा शहरी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विविध गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। मगहर की नसीबुन्निशा के घर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सहजन और नीबू का पेड़ लगाया। वे कहती हैं कि काफी दिनों से कोइ पेड़ लगाने को सोच रही थीं, लेकिन पहली बार उनके घर के पिछवाड़े नल के पास दो पेड़ लगे हैं। बाजार में यह महंगा मिलता है, लेकिन अब यह तैयार हो जाएगा तो हमारे परिवार को बेहतर पोषक सब्जी मिलेगी। यहां पर हम और भी पेड़ लगाएंगे।
संतकबीरनगर – गर्भवती एनीमिया की स्थिति
यूपीटीएसयू के जिला पोषण विशेषज्ञ अजिथ रामचन्द्रन बताते हैं कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे – 4 (2015 – 16) के अनुसार संतकबीरनगर जनपद में 15 से 49 वर्ष तक की गर्भवती महिलाओं में खून की कमी अर्थात एनीमिया की प्रतिशतता 50.1 है। इतनी गर्भवती महिलाओं का हीमोग्लोबीन लेबल 11 से कम है। ऐसे में महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच बहुत ही आवश्यक है।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ