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सफाई के नाम पर क्षेत्र में सिर्फ खानापूर्ति,जगह-जगह गंदगी का ढेर



बनारसी चौधरी
बेलहर, संतकबीरनगर। संक्रामक बीमारियों से घिरे लोग वायरल फीवर, डायरिया, पीलिया, टायफायड और मलेरिया जैसी आदि के चपेट में हैं। शासन की मंशा है गांव मोहल्ले सभी गंदगी से मुक्त रहें। इसे देखते हुए प्रत्येक राजस्व गांवों में सफाईकर्मियों की नियुक्ति की गई हैं। इन सबके बावजूद विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते सफाईकर्मी संबंधित गांवों में नही पहुंच रहे हैं। ये सब गंदगी को बढावा देते हुए संक्रामक रोगों को फैला रहें है। इस खेल में उनका साथ संबंधित अधिकारी भी निभा रहें हैं और क्लस्टर के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं।
     विकास क्षेत्र बेलहर कलां में कुल 152 राजस्व गांव हैं जिसमें से चार ऐसे गांव है जहां कोई नही रहता अर्थात गैरचिरागी हैं।148 राजस्व गांवों में आवादी रहती है जिसके सापेक्ष 129 सफाईकर्मी नियुक्त हैं। सफाई के नाम पर क्षेत्र में सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। क्षेत्र में सफाई का मंजर यह है जहा भी देखिए गंदगी का अंबार लगा हुआ है। कही नालियां जांम है तो कही सडको पर गंदा पानी बह रहा है। इतना ही नही सडको पर कूडे करकट की ढेर भी लगा हुआ है।इन अधिकारियों द्वारा महीने में एक एक दिन न्यायपंचायत स्तर के सभी सफाईकर्मियों को मिलकर ग्राम पंचायतों में सफाई कराई जाती है कभी कभी यह कार्य दो महीने में भी किया जाता है समय की बचत के लिए ये कर्मी एक दिन में दो दो ग्राम पंचायतों का कार्य निबटा लेते हैं। मुस्किल से एक सप्ताह में न्याय पंचायत में स्थित सभी ग्राम पंचायतों में खानापूर्ति के बाद पूरे महीने नजर नही आते हैं। ये सफाईकर्मी ग्राम पंचायतों स्थित परिषदीय विद्यालयों पर तो महीनों झाकने तक नही आते हैं ऐसे में सरकार के स्वच्छ और स्वस्थ्य भारत का सपना कैसे साकार होगा जब जिम्मेदार ही पलीता लगा रहें हैं।

केस न0–1

ब्लाक क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत जंगल दशहर में  के राजस्व चिरैहा गांव में रखा डैस्विन खुद ही झाड और झंझाड से घिरा हुआ है। डैस्टविन पर लिखा तो होता है कि हमें प्रयोग करें पर वह खुद ही अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। गांव निवासी सुरेश कन्हैया ने  बताया कि सफाईकर्मी अपने मर्जी से आते है वह भी महीने में एक बार साफ सफाई होती है।

केस न0–2

ब्लाक की सबसे बडी ग्राम पंचायत बेलहर कला है। जहा की आवादी दस हजार से भी अधिक है और इस ग्राम पंचायत में दो दर्जन से अधिक मजरें हैं। अधिकारियों की मनमानी के कलते यहा सिर्फ दो ही सफाई कर्मी तैनात हैं। इस ग्राम पंचायत में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जगह जगह कूडे के ढेर और जाम नालियां यहां की पहचान बनी हुई हैं। यहां के ग्रामीणों द्वारा सफाईकर्मियों के विरोध सुरेश कन्हैया पल्टू आदि ने बताया गंदगी और साफ सफाई न होने की जानकारी ब्लाक पर संबंधित अधिकारी को करा दिया गया है अगर ब्यवस्था सही नही हुई तो डीएम कार्यालय पर धरना और प्रदर्शन किया जाएगा।

"बेलहर ब्लाक क्षेत्र के गांवों सफाई न होने की शिकायते मिल रही हैं जल्द ही जांच करा कर कार्यवाई की जाएगी।"
आलोक प्रियदर्शी
डीपीआरओ 

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