लालचन्द्र मद्धेशिया
धर्मसिंहवा,संतकबीरनगर। इस समय हो रही आफत की बारिश से आम जनजीवन ही नही ऐतिहासिक स्थल के रूप में विख्यात बौद्ध स्तूप भी बरसात के कारण आधी टूट कर गिर गई। बीते दिन विधायक मेंहदावल राकेश सिंह बघेल द्वारा इस ऐतिहासिक बौद्ध स्तूप का निरीक्षण कर उसके जीर्णोद्धार के बाबत शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। जिससे आने वाले दिनों में इसके स्वरूप को सौंदर्यीकरण करते हुए पर्यटक स्थल बनाया जा सके।
बताते चले कि यह बौद्ध कालीन स्तूप को समय रहते संरक्षित किया जाता तो पर्यटक स्थल होता। संरक्षित करने की प्रकिया पहले के जनप्रतिनिधियों द्वारा किया गया होता तो आज बौद्ध स्तूप (गरगज) सुरक्षित होता। आज उपेक्षित होने के कारण आज टूट कर गिर गया। जनपद के ग्राम पंचायत धर्मसिंहवा के पुराने बुजुर्गों का कहना है 1991और 1993 में ससंद में भी इसका जिक्र किया गया था। आज बाजार जो धर्मसिंहवा के नाम से मशहूर है उसका पुराना नाम धर्मसंघ था राजकुमार सिद्दार्थ जब अपना राजपाट छोड़कर चले थे तो रास्ते में धर्मसंघ में रुके साथ ही इस स्तूप के बगल में जो तालाब है उसमें स्नान भी किया और 3 दिन तक रुके यह स्तूप लगभग 2500 वर्ष पुराना बताया जा रहा है। पुराने समय में बुद्ध पूर्णिमा को बौद्ध भिक्षु भी आते थे। बीते दिनों ए0 के0 सिंह एक्सईएन, जे0ई0 जय हिंद द्वारा स्तूप के पास जाकर जांच पड़ताल पूरी टीम द्वारा किया गया था उसके बगल में पोखरे का भी चारो तरफ से घेराव किये जाने का प्रस्ताव आदि पारित हैं और उन लोगो ने यह कहा था कि इसको बनाने से यह एक पर्यटक स्थल बन जायेगा भाजपा विधायक राकेश सिंह ने हाल ही के दिनों कहा था कि हमारी पूरी कोशिश रहेगी की यह स्तूप जो गरगज के नाम से मशहूर है। इसको जल्द से जल्द बनकर पर्यटक स्थल बन कर तैयार हो जायेगा। जिसे इस समय बरसात ने क्षति ग्रस्त कर दिया गया है। जिसकी सूचना मिलने पर उपजिलाधिकारी प्रेमप्रकाश अंजोर द्वारा निरीक्षण किया गया। जिसमें यह बात सामने आई कि भारी बारिश से मिट्टी खिसकने से इस स्तूप का अर्ध भाग क्षतिग्रस्त हो गया।
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