अजीजुद्दीन सिद्दीकी
मोतीगंज, गोण्डा। सरकार चाहे जितना भी धन खर्च करे और व्यवस्था को चाक चौबंद करने के जतन करे लेकिन विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही उसकी मंशा को परवान नहीं चढ़ने दे रही है। इसका जीता जागता उदाहरण ग्राम पंचायत गौरवा कानूनगो में बना ग्राम सचिवालय भवन है। लाखों रूपये की लागत से बना सचिवालय अब छुट्टा पशुओं का तबेला बन गया है। इसका कोई पुरसाहाल नहीं है।
विकास खण्ड झंझरी के गौरवा कानूगो का सचिवालय इस बात की गवाही दे रहा है कि अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही योजनाओं तथा सरकार की मंशा परवान नहीं चढ़ने दे सकती। लाखों रूपये की लागत से बनवाया गया ग्राम सचिवालय निष्प्रयोज्य है। गांव वाले बताते हैं कि इसमें आज तक एक बार भी ग्राम पंचायत की बैठक नहीं हुई। सरकार की मंशा थी कि ग्राम सचिवालय में ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक, ग्राम विकास अधिकारी जनता के बीच बैठ कर उनकी समस्या सुनेंगे और समाधान करेंगे। इसी मंशा के तहत लाखों रूपये खर्च कर सचिवालय का निर्माण कराया गया लेकिन प्रधान, सचिव और रोजगार सेवक समेत विभागीय अधिकारियों द्वारा इस बाबत बरती जा रही घोर लापरवाही के चलते गौरवा कानूनगो में बना सचिवालय अपनी दायनीय हालात पर आंसू बहा रहा है।
बताया जाता है भवन का निर्माण लगभग वर्ष 2011 में किया गया था। देखभाल के अभाव में यह धीरे धीरे खण्डहर में तबदील होता जा रहा है। इस सचिवालय की खिड़कियां, दरवाजे गायब हैं। सचिवालय परिसर तथा आसपास व्याप्त घोर गन्दगी, प्रांगण में उगी जंगल की तरह घासें, पेड़ पौधों से पूरा प्रांगण कराह रहा है। सचिवालय जहरीले जीव जन्तु सांप बिच्छुओं का निवास बन गया है।
इस बावत ग्राम प्रधान पवन कुमार जायसवाल ने बताया कि सचिवालय भवन की दशा खराब है। उसमें बैठक कैसे की जाए? पांच साल बीतने को है लेकिन किसी अधिकारी ने भी उस पर चर्चा नहीं की। अब तो धीरे धीरे वह गिर भी रहा है।
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