वासुदेव यादव
अयाेध्या।जानकीघाट माेहल्ले में स्थित महात्यागी कैम्प कनक महल के पूर्वाचार्य महन्त रामबालक दास महाराज काे ३६वीं पुण्यतिथि पर शिद्दत से याद किया गया। साेमवार मन्दिर परिसर में आयाेजित श्रद्धांजलि सभा में सन्ताें ने उनके चित्रपट पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए नमन किया। साथ ही कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश भी डाला। इस माैके पर टीलाद्वारा गाद्याचार्य मंगलपीठाधीश्वर यज्ञ सम्राट स्वामी माधवाचार्य महाराज ने कहाकि इस भारतवर्ष में विशेष त्यागी, तपस्वी संत हुए हैं। उन्हीं में से एक थे हमारे गुरूदेव रामबालक दास महाराज, जिनका देश में बड़ा ही नाम था। उन्होंने एक ध्येय बनाया था कि जब भी मेरा शरीर पूरा हाे ताे अयाेध्या में ही। हुआ भी यही अंतिम दिनाें में वह रामनगरी में रहे और उनका शरीर भी यही पूरा हुआ। प्रतिवर्ष हम लाेग कुंवार कृष्णपक्ष की नवमी तिथि काे उनकी पुण्यतिथि मनाते हैं, जिसमें विशाल भण्डारे का आयाेजन किया जाता है। उसी परिप्रेक्ष्य में इस बार भी कार्यक्रम मनाया गया। स्वामी माधवाचार्य महाराज ने कहाकि रामानंद सम्प्रदाय में बावन द्वारे हैं, जिसमें मुख्य टीलाद्वारा है। इसकी मुख्य गद्दी डाकाेर का दाऊ जी का मन्दिर है, जिससे जुड़े हुए देशभर में ८ हजार मठ-मन्दिर हैं। अन्त में कनक महल के महन्त सीताराम दास महात्यागी महाराज ने आए हुए संत-महंताें और विशिष्टजनाें का स्वागत-सत्कार किया। पुण्यतिथि पर विशाल भण्डारा आयाेजित हुआ, जिसमें सन्ताें व भक्ताें ने प्रसाद पाया। इस अवसर पर मुख्य रूप श्रीरामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महन्त नृत्यगाेपाल दास, दिगम्बर अखाड़ा महन्त सुरेश दास, रंगमहल महन्त रामशरण दास, उदासीन आश्रम महन्त भरत दास, तपस्वी आचार्य पीठाधीश्वर स्वामी परमहंसदास, उत्तराधिकारी महन्त कमलनयन शास्त्री, खाक चाैक के श्रीमहन्त बृजमाेहन दास, रसिकपीठाधीश्वर महन्त जन्मेजय शरण, जगद्गुरू स्वामी रामदिनेशाचार्य, समाजवादी संतसभा अध्यक्ष भवनाथ दास, नाका हनुमानगढ़ी महन्त रामदास, अधिकारी राजकुमार दास, हनुमानगढ़ी के सरपंच महन्त रामकृष्ण दास, महन्त अवधेश दास, महन्त रामकुमार दास, महन्त पवन शास्त्री, महन्त अर्जुन दास, महन्त कुलदीप दास, महन्त रामदास करतलिया, महन्त शशिकान्त दास, महन्त मनीष दास, महन्त रामजी शरण, स्वामी छविराम दास, केशवदास, विकास श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
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