वासुदेव यादव
अयाेध्या। राम मन्दिर- बाबरी मस्जिद मामले का समाधान निकालने के लिए आल इण्डिया मुस्लिम फाेरम का एक डेलीगेशन मंगलवार की सुबह अयाेध्या पहुंचा। जहां उन्होंने जानकीघाट बड़ास्थान पर श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर निर्माण न्यास अध्यक्ष महन्त जन्मेजय शरण समेत अन्य संत-धर्माचार्याें से भेंट-मुलाकात की। साथ ही पत्रकाराें से बातचीत करते हुए कहाकि हम चाहते है राममन्दिर मामले का साैहार्दपूर्ण हल निकले, जिससे हिन्दू-मुस्लिम के बीच आपसी सद्भाव बना रहे। रामजन्मभूमि पर भव्य मन्दिर का निर्माण हाे। इससे मुस्लिमाें काे काेई एतराज नही है। लेकिन अयाेध्या में कहीं अन्य जगह पर मस्जिद निर्माण के लिए भी १० एकड़ जमीन मुसलमानों काे दी जाएं। इस माैके पर महन्त जन्मेजय ने कहाकि धारा ३७० और ३५A काे केन्द्र सरकार ने समाप्त कर दिया। जाे कि राममन्दिर से बड़ा मुद्दा था। सुप्रीम काेर्ट के दिशा-निर्देशन में केन्द्र व प्रदेश सरकार सहयाेगी बने, जिससे जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बने सके। जल्द से जल्द राममन्दिर निर्माण के बीच आने वाला अवराेध समाप्त हाे। निर्माेही अखाड़ा के नेतृत्व में रामजन्मभूमि पर मन्दिर का निर्माण हाेना चाहिए। क्योंकि अखाड़ा के पास ही उसका लेखा-जाेखा है। जहां धर्म है वहीं पर विजय पताका फहराता है। उन्होंने कहाकि रामजन्मभूमि से कहीं अन्यत्र हटकर मस्जिद का निर्माण हाे, जिससे साैहार्दता कायम रहेगी। आज विदेशाें में भारत की चर्चा विश्व गुरू के रूप में हाे रही है। मुस्लिम फाेरम से जुड़े सीआरपीएफ के रिटायर्ड आईजी आफताब अहमद ने कहाकि अयाेध्या मामले का सद्भावना पूर्ण हल निकलना चाहिए। प्रभु श्रीराम हिन्दुस्तान के ही नही पूरे विश्व के भगवान हैं। उनके प्रति हर व्यक्ति श्रद्धा रखता है चाहे वह किसी भी धर्म का हाे। अयाेध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बने। इसके लिए हम सब मुस्लिम राजी हैं। इस मामले पर हमने देश के ९५ प्रतिशत मुसलमानों से बात भी किया है। भूतपूर्व जज बीडी नकवी ने कहाकि राममन्दिर की लड़ाई निर्माेही अखाड़ा कई साै वर्षों से लड़ते हुए चला आ रहा है। मन्दिर मामले का हल निकालकर समाधान हाे। मुसलमानों काे अयाेध्या में १० एकड़ जमीन मस्जिद निर्माण के लिए दी जाए। अयाेध्या आज भी आपसी-साैहार्द और प्यार-माेहब्बत का केन्द्र बिन्दु है। रामजन्मभूमि का हक निर्माेही अखाड़ा काे मिलना चाहिए।। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री माेइद अहमद ने कहाकि प्रेम सद्भाव व आपसी भाईचारा सुप्रीम काेर्ट के फैसले से नही, बल्कि प्यार माेहब्बत से पैदा हाेगी। हम लाेगाें की भी आस्था राममन्दिर के प्रति है। इस अवसर पर निर्माेही अखाड़ा के महन्त दिनेन्द्र दास, रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येन्द्र दास, पूर्व कमिश्नर तारिक गाैरी, अमीर हैदर एडवोकेट, वहीद सिद्दीकी सामाजिक कार्यकर्ता, नागा रामलखन दास, स्वामी छविराम दास, कथाव्यास रामदास दयालु, श्रीरामाश्रम के उत्तराधिकारी जयराम दास, निर्माेही अखाड़ा के अधिवक्ता रणजीत लाल वर्मा, एडवोकेट ज्ञानप्रकाश श्रीवास्तव, पुजारी उपेन्द्र दास हनुमानगढ़ी आदि उपस्थित रहे।
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