सुनील उपाध्याय
बस्ती । प्रजनन सुरक्षा के साथ ही सुरक्षित गर्भ समापन के लिये जागरूकता के स्तर पर प्रभावी किये जाने की जरूरत है जिससे असमय होने वाली मौतों को रोका जा सके। स्वास्थ्य विभाग को इस दिशा में विशेष ध्यान देने के साथ ही महिला चिकित्सकों की संख्या में अपेक्षित बढोत्तरी करनी होगी। यह विचार मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द कुमार पाण्डेय ने व्यक्त किया। वे शुक्रवार को महिला स्वास्थ्य एवं प्रजनन, सुरक्षित गर्भ समापन विषय पर मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के सभागार में ग्रामीण विकास सेवा समिति द्वारा आयोजित जनपद स्तरीय कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. फकरे यार ने विस्तार के साथ प्रजनन सुरक्षा, सुरक्षित गर्भ समापन की प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुये कहा कि अप्रशिक्षित गर्भपात के कारण हर दो घंटे में एक महिला की मृत्यु हो जाती है। देश में लगभग 1.56 करोड़ गर्भपात होते हैं। इनमें केवल 32 प्रतिशत गर्भपात सरकारी अस्पतालों में होेते हैं। उन्होने सुरक्षित गर्भपात के लिये जागरूकता और ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधन बढाने पर जोर दिया। कहा कि गर्भपात के लिये सरकारी अस्पतालों की ही सेवा लेना चाहिये।
कार्यशाला को उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सी.के. वर्मा, यूपीबीएचए की श्वेता सिंह, आई.पास डवलपमेंट फाउन्डेशन की पारूल, साझा प्रयास नेटवर्क के पंकज, अम्बुज, पूनम देवी ने प्रजनन सुरक्षा, सुरक्षित गर्भ समापन की स्थिति, कानूनी अधिकार, स्थिति, सामाजिक संकट, सरोकार, जागरूकता की जरूरतों आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द कुमार पाण्डेय ने ग्राम प्रधान रामतौल, आशा ममता शुक्ला, ए.एन.एम. अंजू सिंह, को उनके योगदान के लिये सम्मानित किया। आभार ज्ञापन ग्रामीण विकास सेवा समिति के अम्बुज कुमार ने किया। कार्यशाला में मुख्य रूप से दुर्गेश कुमार मल्ल, राजकुमार, डा. विवेक विश्वास, डा. आफताब रजा, मनोज वर्मा, संगम कुमार, ज्योंति, हिमांशु श्रीवास्तव, सच्चिदानन्द चौरसिया, सुधीर कुमार, प्रदीप कुमार, जन्मेजय उपाध्याय, उमंग यादव, मो. अशरफ, शबनम गौतम के साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल रहे।
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