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रसूखों के दम पर छपिया ब्लॉक का ग्राम पंचायत अधिकारी बना गालीबाज


सफाईकर्मी को दी जातिसूचक माँ बहन की भद्दी-भद्दी गलियां
रिपोर्ट दुर्गा सिंह पटेल/सुनील कुमार गौड़
मसकनवा गोंडा। विकासखण्ड छपिया क्षेत्र के ग्राम पंचायत घनश्यामपुर में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी हरिनारायण सिंह की दबंगई थमने का नाम नही ले रही हैं।


आये दिन किसी न किसी के साथ गाली गलौज और अभद्रतापूर्ण व्यवहार करते रहते हैं। ऐसा ही एक  मामला प्रकाश में आया है। जिला बलरामपुर के एक गॉव का रहने वाला जो कि सफाईकर्मी के पद पर ग्राम पंचायत घनश्यामपुर में तैनात है। एडीओ पंचायत कनिकराम वर्मा  के आदेशानुसार ग्राम पंचायत खपरीपारा में साफ-सफाई के लिए सफाईकर्मी रामधन की ड्यूटी लगाई गई थी।पीड़ित सफाईकर्मी ने बताया कि  दोपहर समय ग्राम पंचायत अधिकारी ने फोन किया और पूछा कहां हो जब  सफाईकर्मी के द्वारा बताया गया कि एडीओ पंचायत के आदेशनुसार खपरीपारा में ड्यूटी लगी हैं। तभी गालीबाज ग्राम पंचायत अधिकारी ने जातिसूचक शब्दो का इस्तेमाल करते हुए माँ बहन की भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे जिससे सफाईकर्मी डरा सहमा हुआ है।
मामले की खबर सुनते ही गुस्साए सफाईकर्मियों ने ब्लॉक मुख्यालय पर  ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर खण्ड विकास अधिकारी छपिया पन्नालाल को एक ज्ञापन सौंप कर सस्पेंड करने की मांग की है साथ ही छपिया थाने तहरीर देकर गालीबाज अधिकारी के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।
इस मामले को लेकर हर तरफ तरह-तरह चर्चाए हो रही हैं कि खंड विकास अधिकारी पन्नालाल के कार्यकाल में रसूख के दम पर राज करने वाला ग्राम पंचायत अधिकारी हरिनारायण सिंह को 10 ग्राम पंचायतों का चार्ज मिला है। संबंधित ग्राम पंचायत की जनता जब उच्चाधिकारियों से शिकायत करती है तो सत्ता शासन के सत्ताधरी छोटभैया नेता बचाव में जुट जाते है।
एक व्यक्ति ने नाम न छापने के शर्त पर बताया है कि कुछ माह पूर्व मृत्यु प्रमाण पत्र पर रिपोर्ट लगाने को लेकर कहासुनी हो गयी और युवक को दबंग गालीबाज ग्राम पंचायत अधिकारी ने मोबाइल फोन पर ही माँ बहन की भद्दी-भद्दी गालिया देने लगे और युवक ने ऑडियो रिकॉडिंग कर लिया लेकिन इतना सब कुछ होने बावजूद भी कार्यवाही करने से कतराते रहे अधिकारी। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गाली-गलौज के बाद साक्ष्य मौजूद होने के बाद भी अधिकारी हिम्मत तक नही जुटा पाए कि ऐसे कर्मी को तत्काल सस्पेंड कर दिया जाए। तो ऐसे लोगो से क्या उम्मीद की जाए जब रक्षक ही बने हैं भक्षक। जब इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में है मामले की जांच खण्ड विकास अधिकारी को सौंप दी गई हैं और जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी।
अब देखना यह होगा कि खण्ड विकास अधिकारी निष्पक्ष जांच करते हैं या फिर सत्ताधारी नेताओ के दबाव में आकर मामले को ठंडे बस्ते में डालकर उच्चधिकारियों को गुमराह कर अपने आपको इतिश्री लगा लेते हैं।
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