■ जिले में 6 सितम्बर को खिलाई जाएगी दवा, 7 से 12 तक छूटे बच्चों को खिलाई जाएगी एलबेण्डाजॉल
■ 19 साल की आयु के पालिटेक्निक और आईटीआई के बच्चों को भी किया गया शामिल
संतकबीरनगर। बच्चो के शरीर को कृमि ( पेट के कीड़े) से मुक्त करने के लिए जिले में कृमि मुक्ति दवा एलबेण्डाजॉल आगामी 6 सितम्बर को खिलाई जाएगी। 7 से लेकर 12 सितम्बर तक छूटे हुए बच्चों को (मापअप सप्ताह) दवा पिलाई जाएगी। इस वर्ष 19 वर्ष आयु के पालिटेक्निक और आईटीआई कालेजों में भी यह अभियान चलाया जाएगा। पहले यह दवा 29 अगस्त को खिलाई जानी थी, लेकिन समय से दवा न आ पाने के चलते प्रदेश के 5 जनपदों में तिथियां बदल दी गई हैं। इनमें संतकबीरनगर जनपद भी शामिल है।
स्कूलों, कालेजों व जिले के मदरसों में किसी न किसी अध्यापक को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के लिए नोडल अधिकारी नामित कर दिया गया है। ताकि कोई भी बच्चा कृमि मुक्ति दवा खाने से न छूटे। सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक पेट के कीड़े की एक विश्व व्यापी जनस्वास्थ्य समस्या है। बच्चों में कीड़ों का संक्रमण से जहां एक ओर बच्चों का शारीरिक व दिमागी तरक्की में रूकावट होती है, वहीं दूसरी ओर उनके पोषण और हीमोग्लोबिन स्तर पर भी खराब असर पड़ता है। अभियान की निगरानी तथा विभागों के बीच समन्वय की जिम्मेदारी निभाने वाली संस्था एवीडेन्स एक्शन के जिला समन्वयक राममनोहर त्रिपाठी बताते हैं कि इसे लेकर सोमवार को वीडियो कांन्फ्रेन्सिंग हुई है तथा यह बताया गया है कि 5 जनपदों में यह दवा अब 6 सितम्बर को खिलाई जाएगी। साथ ही मापअप सप्ताह 7 सितम्बर से 12 सितम्बर तक चलाया जाएगा।
इस तरह से बनाई गई है कार्ययोजना
जिले में बच्चों को कृमि मुक्ति दवा खिलाने के लिए जो माइक्रोप्लान तैयार किया गया है उसके तहत जिले में कुल 10 क्षेत्र हैं, जिनमें 9 ग्रामीण और एक शहरी क्षेत्र है। इन क्षेत्रों में स्थापित 2115 सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल हैं। इनमें 4.14 लाख बच्चे नामांकित हैं। वहीं आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या 1765 है। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों में 1 से 5 वर्ष के 1.52 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। वहीं 51,483 ऐसे बच्चे हैं जो स्कूल नहीं जाते हैं। इस प्रकार 1 से लेकर 19 साल तक के करीब 6.18 लाख बच्चों को कृमि से मुक्ति के लिए दवा खिलाई जाएगी।
कृमि संक्रमण के लक्षण
कृमि संक्रमण पनपने से बच्चे कुपोषित हो जाते हैं।
बच्चों के शरीर में खून की कमी हो जाती है।
बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास बाधित हो जाता है।
बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी हो जाती है।
बच्चों को हमेशा थकान महसूस होती रहती है।
ऐसे करे कृमि संक्रमण से बचाव
नाखून हमेशा साफ और छोटे रखें, हमेशा साफ पानी ही पिएं, खाने को ढककर रखे, फल और सब्जियों को साफ पानी में धोएं, खाने से पहले और शौच के बाद अपने हाथ साबुन से धोएं । घरों के आसपास सफाई व्यवस्था बनाए रखें, खुले में शौच न करें।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ