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प्री – ट्रांसमिशन असेसमेण्‍ट सर्वे के जरिए परख रहे फाइलेरिया अभियान की प्रगति


■ जिले के 4 ब्‍लाकों में 1200 लोगों पर आधारित है सर्वे
■ फाइलेरिया टेस्‍ट स्ट्रिप से टीमें कर रही हैं लोगों की जांच
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। फाइलेरिया अभियान के दौरान खिलाई गई रोग प्रतिरोधक दवा का लोगों के उपर कितना असर हो रहा है, लोगों को दवाएं वास्‍तव में जमीनी स्‍तर पर जाकर खिलाई गई हैं या नहीं। इस बात का सर्वे राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के द्वारा कराया जा रहा है। यह सर्वे जिले के 4 ब्‍लाकों में 1200 लोगों पर आधारित है। लगाई गई टीमें फाइलेरिया टेस्‍ट स्ट्रिप के जरिए लोगों की जांच कर रही हैं। यह अभियान आगामी 31 अगस्‍त तक चलेगा।
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि पिछले फरवरी 2019 में फाइलेरिया के रोगियों को डीईसी और एलबेण्‍डाजॉल दवाइयों को हर व्‍यक्ति को उसके वजन और उंचाई के आधार पर खिलाई गई। आशा कार्यकर्ताओं के जरिए यह दवाइयां सुदूर गावों में भेजकर लोगों को खिलाई गई थी। शरीर में जाने के 6 महीने बाद उस दवा का कितना असर लोगों के बीच में हो रहा है। यह दवा कितनी लाभकारी सिद्ध हो रही है। लोगों ने दवाओं को खाया है या नही, खाया है तो उस दवा को खाने के बाद किसी व्‍यक्ति के अन्‍दर मौजूद फाइलेरिया के कीटाणुओं की चाल कितनी कम या अधिक हुई है। इसके साथ ही अन्‍य चीजों की भी गणना की जा रही है। रैण्‍डम तरीके से चिन्हित लोगों की जांच फाइलेरिया टेस्‍ट स्ट्रिप के जरिए की जा रही है। इसके जरिए फौरी तौर पर यह पता चल जा रहा है कि व्‍यक्ति फाइलेरिया निगेटिव है या पाजिटिव है। जो निगेटिव हैं वह तो ठीक है, जो पाजिटिव हैं उनका चिन्‍हीकरण कर लिया जा रहा है और आगामी 31 अगस्‍त की रात में उसका नाइट ब्‍लड सैम्‍पल लिया जाएगा। यह अभियान खलीलाबाद, नाथनगर, हैसरबाजार व सांथा क्षेत्र में चलाया जा रहा है। हर क्षेत्र से 300 – 300 लोगों को सर्वे में शामिल किया जाना है। जिला मलेरिया अधिकारी बताते हैं कि 31 की दोपहर तक सारे सर्वे पूरे हो जाएंगे। इसके बाद 31 की रात 9 बजे से नाइट ब्‍लड सैम्‍पल लिया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों की तैनाती क्षेत्र के हिसाब से की जाएगी।


31 की रात 9 बजे बनाई जाएगी नाईट ब्लड स्लाइड
फाइलेरिया टेस्‍ट स्ट्रिप से जांच के दौरान धनात्‍मक पाए गए लोगों की आगामी 31 अगस्‍त की रात को नाइट ब्‍लड स्‍लाइड बनाई जाएगी। इसमें पुष्टि हो जाएगी कि उस व्‍यक्ति को फाइलेरिया किस स्‍तर तक है। चूंकि फाइलेरिया के कीटाणु रात में ही रक्‍त में संचरण करते हैं, इसलिए रात्रि काल में ही इसका टेस्‍ट सही माना जाता है।

स्लाइड बनाने के साथ ही शुरू हो जाएगा उपचार
6 दिनों की जांच के दौरान जो भी मरीज पाजिटिव मिलेंगे, उनका उपचार तुरन्‍त नहीं किया जाएगा। बल्कि 31अगस्‍त में रात में जब स्‍लाइड के लिए उनका रक्‍त निकाला जाएगा। उसके बाद तुरन्‍त ही उसे पहली दवा खिला दी जाएगी। साथ में 12 दिनों के पूर्ण उपचार की किट भी। अगर अभी उन्‍हें दवा दे दी जाए तो स्‍लाइड रिपोर्ट गलत आएगी।


 फाइलेरिया के लक्षण
आमतौर पर फाइलेरिया के कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते, लेकिन बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन की समस्या दिखाई देती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाथी पांव और हाइड्रोसिल (अंडकोषों की सूजन) भी फाइलेरिया के लक्षण हैं।

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