■ जिले के 4 ब्लकों के 54 स्वास्थ्य उपकेन्द्र क्षेत्र में तैनात हुए पीयर एजूकेटर्स
■ प्रशिक्षित पीयर एजूकेटर्स करेंगे किशोरों का उचित मार्गदर्शन, जिम्मेदारी तय
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। किशोरों के पोषण व स्वास्थ्य की निगरानी और उन्हें किशोरावस्था में उचित परामर्श देने के लिए किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम जिले के 4 ब्लाकों में स्थित 58 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम को सुचारु रुप से सम्पन्न कराने के लिए जिले में 1080 पीयर एजूकेटर्स की तैनाती भी की गई है। ये पीयर एजूकेटर्स किशोरों के स्वास्थ्य व पोषण की निगरानी के साथ ही उन्हें उचित परामर्श देने का भी काम करेंगे।
किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक दीन दयाल वर्मा का कहना है कि किशोरों के पास ऐसी अनेक समस्याएं हैं जिनके बारे में वे न तो अपने किसी परिजन से कहते हैं, न ही स्कूल में शिक्षकों से ही अपनी समस्या को साझा करते हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए जिले के 4 ब्लाकों के 58 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों में किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है। हर स्वास्थ्य उपकेन्द्र क्षेत्र में पीयर एजूकेटर्स की कुल 5 टीमें बनाई गई हैं। हर टीम में दो किशोर व दो किशोरियां हैं। इनमें भी किशोर व किशोरी का एक जोड़ा स्कूल जाने वाला है तो किशोर व किशोरी का एक जोड़ा स्कूल न जाने वाला है। ताकि सामाजिक संतुलन बना रहे। पहले चरण में जिला स्तर पर 54 एएनएम का 5 दिवसीय प्रशिक्षण चला जिसमें इन्हें यह प्रशिक्षण दिया गया कि पीयर एजूकेटर्स से किस प्रकार से कार्य लिया जाएगा। हर ब्लाक लेबल पर 1 आशा कार्यकर्ता लेबल पर एक पीयर एजूकेटर्स की टीम बनाई गई है। हर टीम में चार सदस्य शामिल हैं । हर आशा लेबल पर में तैनात 4 पीयर एजूकेटर्स में से 50 प्रतिशत स्कूल जाने वाले छात्र – छात्राएं होते हैं। इन्हें स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 6 दिनों की विशेष ट्रेनिंग देकर किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के हिसाब से प्रशिक्षित किया गया है। साथ ही इनकी सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ ही स्वास्थ्य सम्बन्धित जानकारियां भी दी जाती हैं। ताकि वे समाज निर्माण में अपनी अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर सकें। पीयर एजूकेटर की ट्रेनिंग ले चुकी सरिता बताती हैं कि प्रशिक्षण के दौरान मिली जानकारियों के आधार पर हम निरन्तर कार्य कर रहे हैं। हम लोग 3 किशोर दिवस मना चुके हैं और इसका बेहतर परिणाम सामने आया। वहीं खलीलाबाद क्षेत्र के बड़गों के सुनील बताते हैं कि किसी भी किशोर की समस्या होती है तो हम उन्हें उचित परामर्श देते हैं तथा आशा दीदी के पास भेजकर उसकी समस्या का निदान कराते हैं।
पीयर एजुकेटर्स के दायित्व
अगर क्षेत्र में किसी युवा को कोई समस्या होती है तो वह अपने क्षेत्र के पीयर एजूकेटर्स से मिलता है। पीयर एजूकेटर्स उनकी समस्या को सुनता है तथा उसकी समस्या के हिसाब से उसे आशा, एएनएम, नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या फिर किेशोर हेल्थ सेण्टर जाने की सलाह देता है। ताकि उसकी समस्या का निराकरण हो सके।पीयर एजुकेटर्स की ट्रेनिंग अंतिम दौर में
जिले के हर पीयर एजूकेटर्स को 6 दिन का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। जिले के तीन ब्लाकों खलीलाबाद, मेंहदावल और सेमरियांवा में यह ट्रेनिंग पूरी हो गई है। जबकि हैसर ब्लाक क्षेत्र के पीयर एजूकेटर्स की ट्रेनिंग वर्तमान समय में चल रही है और अन्तिम दौर में है।
इन समस्याओं पर होता है ध्यान
पीयर एजूकेटर्स का ध्यान किशोरावस्था में होने वाली विभिन्न समस्याओं पर होता है। इनमें मानसिक स्वास्थ्य, माहवारी प्रबन्धन, माहवारी स्वच्छता, यौन व प्रजनन क्षमता, यौन रोग, नशावृत्ति, लैंगिक हिंसा, किशोर पोषण, किशोर एनीमिया के साथ ही साथ अन्य तरह की समस्या होने पर पीयर एजूकेटर्स से सम्पर्क करके समस्या का निदान कराया जा सकता है।
*ब्लाकवार पीयर एजूकेटर्स की संख्या*
ब्लॉकवार पीयर एजुकेटर्स की संख्या
खलीलाबाद ब्लाक के 24 उपकेन्द्रों पर कुल 320 पीयर एजूकेटर्स तैनात हैं। वहीं सेमरियांवा के 12 उपकेन्दों पर 240 पीयर एजूकेटर्स की तैनाती की गई है। मेंहदावल के 9 उपकेन्द्रों पर 180 पीयर एजूकेटर्स हैं तो हैसर बाजार के 12 उपकेन्द्रों पर 240 पीयर एजूकेटर्स की तैनाती की गई है। इस प्रकार कुल 54 उपकेन्द्रों पर 1080 पीयर एजूकेटर्स की तैनाती की गई है।
‘‘ किशोर स्वास्थ्य की दिशा में पीयर एजूकेटर्स की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होगी। ये अपने क्षेत्र के किशोरों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। उनकी समस्याओं को समझेंगे तथा उन्हें उचित मार्गदर्शन देंगे। समस्या गंभीर होने पर वे आशा तथा एएनएम के जरिए उनकी समस्या का उचित निदान भी कराएंगे। किशोर दिवस कार्यकम में भी इनकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। ’’
डॉ हरगोविंद सिंह
सीएमओ, संतकबीरनगर
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ