शिवेश शुक्ला
प्रतापगढ | जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही की अध्यक्षता में विकास भवन के सभागार में तृतीय चरण संचारी रोग नियंत्रण अभियान की समीक्षा की गयी जिसमें बताया गया कि यह अभियान 02 सितम्बर से 30 सितम्बर 2019 तक चलाया जायेगा जिसमें संचारी रोग एवं दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम किया जायेगा। उन्होने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि संचारी रोग नियंत्रण हेतु स्वच्छता, सफाई एवं स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये व जनपद में संचालित प्राथमिक विद्यालय, उच्च प्राथमिक विद्यालय, इण्टरमीडिएट कालेज एवं डिग्री कालेजों में आयरन और फोलिक-एसिड की दवायें अनिवार्य रूप से छात्र/छात्राओं को वितरित कर दी जाये। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि जनपद में अवैध रूप से संचालित प्राइवेट अस्पताल व नर्सिंग होमों की जांच कर उनके विरूद्ध कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें एवं इस कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता व लापरवाही न बरती जाये। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि आशा बहुओं को थर्मामीटर उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने जनपद के प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रदेश सरकार संचालित योजनाओं की समीक्षा की जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिहार, संग्रामगढ़, शिवगढ़ एवं कुण्डा की प्रगति ठीक न पाये जाने पर सम्बन्धित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक को जिलाधिकारी ने प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने आर0बी0एस0के0 टीम द्वारा विद्यालयों में भ्रमण की सूचना खण्ड शिक्षा अधिकारी को न दिये जाने पर भी नाराजगी व्यक्त करते हुये आर0बी0एस0के0 के नोडल अधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि विद्यालयों में भ्रमण के पूर्व सम्बन्धित क्षेत्र के खण्ड शिक्षा अधिकारी को भ्रमण से सम्बन्धित सूचना अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना की समीक्षा जिलाधिकारी द्वारा की गयी तो समीक्षा के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि कुण्डा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना हेतु अधिकृत रामभिलाष उपाध्याय अस्पताल में माह अगस्त में एक मरीज का ईलाज किया गया था एवं उषा मैनरनिटी हास्पिटल द्वारा अगस्त माह में किसी भी मरीज का ईलाज नही किया गया था जिस पर जिलाधिकारी ने उक्त दोनो नर्सिंग होमों को कारण बताओ नोटिस जारी करने हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि जिला महिला अस्पताल, जिला पुरूष अस्पताल, मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय, प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर बायोमैट्रिक उपस्थिति डिवाइस के माध्यम से अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करायी जाये।
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