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बालिका सुरक्षा हेतु कवच अभियान का जिला स्तरीय “प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण”: संपन्न


शिवेश शुक्ला 
प्रतापगढ़ ! उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में शुरू की गयी बालिका सुरक्षा जागरूकता कवच- “जुलाई अभियान” के दूसरे कारण के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु बेसिक शिक्षा विभाग के राजा दिनेश सिंह सभागार में जिला स्तरीय सन्दर्भ दाताओं का “प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण” आयोजित किया गया, जिसमें माध्यमिक शिक्षा के नोडल प्राचार्य व बेसिक शिक्षा के ब्लाक स्तरीय नोडल अध्यापकों ने प्रतिभाग किया.
       
प्रशिक्षण में यूनिसेफ द्वारा नामित मास्टर ट्रेनर नसीम अंसारी ने इस अभियान के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा की इस प्रशिक्षण के बाद सभी मास्टर प्रशिक्षकों को अपने अपने ब्लाक में स्थिति प्रत्येक विद्यालय से 2 -2 अध्यापकों को बालिका सुरक्षा पर प्रशिक्षणदेना होगा.  श्री अंसारी ने जिले के अधिकाधिक विद्यालयों व समाजसेवियों को भी इस अभियान से जोड़ने की आवश्यकता जताई. श्री अंसारी ने प्रशिक्षण के दौरान कोमल फिल्म दिखा कर बच्चों के साथ होने वाले सुरक्षित एव असुरक्षित स्पर्श पर विस्तार से चर्चा करते हुए इसे  कैसे पहचाने तथा घटना होने पर मदद मिलने तक जोर जोर से चिल्लाने की भी सलाह दी गयी. बचाव के तरीकों पर प्रशिक्षण देते हुए प्रशिक्षक नसीम अंसारी ने उसके बाद चाइल्ड लाइन 1098, वीमेन पावर लाइन 1090, महिला सहायता हेल्पलाइन 181 के साथ साथ डायल 100 पुलिस से भी मदद लेने की बात कही. 
       
प्रशिक्षण के दूसरे सत्र में एंटी रोमियो प्रभारी प्रीती कटियार द्वारा बच्चियों द्वारा जूडो-कराटे व पेपर स्प्रे आदि से स्वयं को सुरक्षित रखने के तरीके पर चर्चा करते हुए चुप्पी तोड़ो - आवाज उठाओ पर जोर दिया गया.  सब इन्स्पेक्टर सुश्री प्रीती द्वारा कार्यशाला में जेंडर भेदभाव व महिला हिंसा पर भी चर्चा करते हुए किशोरियो के प्रति छेड़छाड़ और हिंसा की रोकथाम पर विस्तार से चर्चा हुई.
       
 इस कवच टी ओ टी० में यूनिसेफ के प्रशिक्षक शैलेश प्रताप सिंह ने जे० जे० एक्ट व पाक्सो एक्ट पर विस्तार से प्रकाश डाला. अंत में श्री सिंह द्वारा प्रशिक्षण के दौरान क्या करें व क्या न करें पर भी चर्चा की गयी.  श्री सिंह ने जोर देकर कहा कि कोई अनहोनी होने पर समाज द्वारा बेटियों को शर्मिंदा न करने व दोषी ना माना जाये.  

कार्यक्रम के अंत में जिला समन्वयक प्रशिक्षण डा० श्रीकृष्ण विश्वकर्मा ने बालिका सुरक्षा के इस प्रशिक्षण को हर विद्यालय में देने की आवश्यकता जताई तथा अपने स्तर पर इस प्रशिक्षण को सफल बनाने का वादा किया.  प्रशिक्षण में जिला बाल संरक्षण अधिकारी अभय शुक्ल ने  शासन द्वारा महिलाओं व बालिकाओं के लिए संचालित कन्या सुमंगला योजना सहित विभिन्न योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला.
      
इस “प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण” कार्यक्रम के खुले सत्र में सफल प्रशिक्षण के हेतु  डा० सालिक राम प्रजापति, सन्तोष चतुर्वेदी व् सरोज सिंह आदि ने भी अपने सुझाव दिए. इस प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान जेंडर भेदभाव व महिला हिंसा पर कई डाक्युमेंटरी फिल्मों को दिखा कर समझ बनायीं गयी.

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