अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। आदिकाल से परंपरा रही है कि विद्यालय शिक्षा का मंदिर होता है । मंदिर में परंपरा संस्कार तथा मान-सम्मान की शिक्षा दी जाती है । बदलते परिवेश में परिस्थितियों के साथ बहुत कुछ बदल चुका है परंतु यह नहीं भूलना चाहिए कि अपनी संस्कृति तथा विरासत व परंपराओं को भी आगे बढ़ाना किसी भी देश के लिए उतना ही आवश्यक है जितना की प्रतिस्पर्धा करने के लिए हर आवश्यक पहल व विषयों को बढ़ावा देना आवश्यक है ।
भारतीय संस्कृति सभ्यता तथा परंपराओं से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है यहां रूढ़िवादी परंपराओं से तात्पर्य नहीं है । आज हम बात कर रहे हैं रक्षाबंधन जैसे महत्वपूर्ण परंपरा की । रक्षाबंधन भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम का प्रतीक पर्व है ।
इससे आपसी प्रेम तो बढ़ता ही है पुरुष प्रधान देश में नारी सम्मान की भावना भी जागृत होती है । पाश्चात्य सभ्यता की चकाचौंध में आज के अधिकांश विद्यालयों में पारंपरिक त्योहारों को नजरअंदाज किया जा रहा है । ऐसे में जिला मुख्यालय के सुंदरदास राम लाल इंटर कॉलेज में राखी प्रतियोगिता का आयोजन करके एक सराहनीय कदम उठाया है ।
आज के राखी प्रतियोगिता मे छोटे कक्षाओं की बच्चियों ने अपने सहपाठी बच्चों को राखी बांधकर रक्षाबंधन पर्व को उत्साह पूर्वक मनाया । विद्यालय के प्रधानाचार्य नरसिंह नारायण मिश्र का कहना है कि ऐसे आयोजन से बच्चों के अंदर अपने त्यौहार तथा परंपरा के प्रति लगाव पैदा होगा । रक्षाबंधन के महत्व के विषय में जानकारी होगी तथा बच्चों के अंदर आपसी प्रेम व सम्मान की भावना जागृत होगी ।
उन्होंने बतायाा कि प्रतियोगिता में सम्मिलित हुए बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए पुरस्कृत भी किया गया । प्रतियोगिता के दौरान प्रबंधिका रंजना पांडे, अध्यापक लोकेश श्रीवास्तव, अध्यापिका शालिनी त्रिपाठी, पूनम तिवारी व सुमन मिश्रा के अलावा कई शिक्षक शिक्षिकाएं तथा शिक्षणेत्तर कर्मी मौजूद थींं ।
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