दिल्ली :- (अनीता गुलेरिया) पश्चिमी-दिल्ली सांसद-प्रवेश वर्मा को बीजेपी पार्टी ने दोबारा से प्रत्याशी रूप में खड़ा क्या किया, कि सत्ता के नशे में मगरूर सांसद-प्रवेश वर्मा ने नजफगढ़ से उज्वा गांव में अपने वोट-प्रचार हेतु रोड पर निकाली बाइक-रैली में बिना हेलमेट और सरकारी गाड़ियों के हुडर-सायरन का ऊँची आवाज मे इस्तेमाल करते हुए देश में लगी आचार-संहिता और ट्रैफिक-नियमों को ताक पर रखते हूए प्रवेश वर्मा के इलावा उनकी बाइक के पीछे बैठी ईशापुर निगम-पार्षद सुमन डागर और अन्य कार्यकर्ताओं ने बिना हेलमेट के रैली निकालते हुए ट्रैफिक-नियमों का सरेआम उल्लंघन किया ।
सांसद की इस कार्यप्रणाली को देखते हुए ऐसा लग रहा था जैसे प्रवेश वर्मा ने कानून के सारे नियमों को तोड़ने की इजाजत ले रखी हो ,तभी तो दिल्ली पुलिस के इलावा ट्रैफिक-पुलिस ने इन का चालान काटना तो दूर, इन लोगो की गल्त-प्रक्रिया पर रोक लगाना भी उचित नहीं समझा । अपने-आप को जनता समक्ष-संरक्षक बनने का दावा करने वाले जब भक्षक, वाला काम करने पर उतारू हो जाए,तो जनता को इन जैसे नेताओं को मुंह तोड़ जवाब देना आना चाहिए,क्योंकि देश की असली सरकार हम जनता है ।
अब देखना यह है कि प्रशासन-अधिकारी मीडिया से मिली इस जानकारी को मद्देनजर रखते हुए किसी भी पार्टी को आचार-संहिता भंग करने के तहत कार्यवाही दौरान कितना सख्त रवैया अपनाते है । क्योकि आचार-सहिंता मे सजा प्रावधान ना होने के कारण राजनीतिक-लोग चुनाव-दौरान सरेआम -नियमों की धज्जियां उड़ाते आ रहे हैं ।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ